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He fell asleep because we could sleep peacefully.It was an Indian soldier who got martyred today.Jai HindMilitaryThere are lights in our Diwali because someone is standing on the border in the dark.Jai Hindwhat did a soldier lose

हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया, वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया. जय हिन्द Army  हमारी दिवाली में रोशनी इसलिए हैं क्योंकि सरहद पर अँधेरे में कोई खड़ा हैं. जय हिन्द एक सैनिक ने क्या खूब कहा है. किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं, कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं. नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए, आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए. जय हिन्द जहर पिलाकर मजहब का, इन कश्मीरी परवानों को, भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को, खुले प्रशिक्षण, खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है, सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है, जय हिन्द फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं, ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं. जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं, कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता ह...

फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही लोगराफेल की गति से इनबॉक्स में एंट्री मारते हैं। किसी को हाय करनी है…किसी को हैलो…किसी को दोस्ती करनी है…तो किसी को शादी…कोई साथ में चाय पीना चाहता है…तो कोई कॉफी…..🙄😖कोई साथ में लंच करना चाहता हैतो कोई कैंडिल लाइट डिनर…कोई किये जा रहा है लगातार मैसेंजर पर कॉलकोई भेज रहा लव इमोजीकोई भेज रहा फ्लाइंग किसकोई 15 साल का है…कोई 50 साल का है…तो कोई है 75 साल का….सबको जानना है क्या करती होकहाँ रहती होकहाँ जॉब करती होअकेले रहती हो…??सब मोहित हैं चेहरे पर….सबको अच्छी लग रही है मासूमियतसब डूब जाना चाहते हैं आंखों मेंसब बांध रहे हैं पुल तारीफों केसब लगे हैं साबित करने में खुद को श्रेष्ठ आशिकइनबॉक्स में आने वालों कीउम्र, जाति, मजहब, नाम सब अलग है,लेकिन कुछ की है…एक सी नीयत….इतना आसान भी नहीं हैऔरत होकर फेसबुक चला पाना…इतना आसान नहीं हैमैसेंजर का इनबॉक्स खोल पाना…आप इस पर अवश्य सोचें।हाँ ऐसा नहीं है कि सब गलत हैकुछ ने तो अनजाने से रिश्ते बना लिए हैं….कोई कहता दीदी,कोई कहता बहन,कोई कहता गुरु जी…"तो कोई कहता है…पुरूष हो तुम..।।"Byवनिता कासनियां पंजाब द्वारामेरे लिए मंगल कामना करने वालों का रात और दिन मंगल हो🙏😊

फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही लोग राफेल की गति से इनबॉक्स में एंट्री मारते हैं।  किसी को हाय करनी है… किसी को हैलो… किसी को दोस्ती करनी है… तो किसी को शादी… कोई साथ में चाय पीना चाहता है… तो कोई कॉफी…..🙄😖 कोई साथ में लंच करना चाहता है तो कोई कैंडिल लाइट डिनर… कोई किये जा रहा है लगातार मैसेंजर पर कॉल कोई भेज रहा लव इमोजी कोई भेज रहा फ्लाइंग किस कोई 15 साल का है… कोई 50 साल का है… तो कोई है 75 साल का…. सबको जानना है क्या करती हो कहाँ रहती हो कहाँ जॉब करती हो अकेले रहती हो…?? सब मोहित हैं चेहरे पर…. सबको अच्छी लग रही है मासूमियत सब डूब जाना चाहते हैं आंखों में सब बांध रहे हैं पुल तारीफों के सब लगे हैं साबित करने में खुद को श्रेष्ठ आशिक इनबॉक्स में आने वालों की उम्र, जाति, मजहब, नाम सब अलग है, लेकिन कुछ की है…एक सी नीयत…. इतना आसान भी नहीं है औरत होकर फेसबुक चला पाना… इतना आसान नहीं है मैसेंजर का इनबॉक्स खोल पाना… आप इस पर अवश्य सोचें। हाँ ऐसा नहीं है कि सब गलत है कुछ ने तो अनजाने से रिश्ते बना लिए हैं…. कोई कहता दीदी, कोई कहता बहन, कोई कहता गुरु जी… "तो कोई कहता है…प...

💫जीवन यात्रा में कुछ सच्चे दोस्त🌷✍️ *.....कहते हैं जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना बहुत बड़ा वरदान है, क्योंकि यही एक रिश्ता है,जो खून से नहीं अपितु भावनाओं से जुड़ा है। यही वह रिश्ता है जो शब्दों की नहीं, अपितु आंखों की और मन की भाषा को भलीभांति समझता है। जीवन में यदि कुछ चुनिंदा दोस्त साथ हो तो जीवन यात्रा बहुत ही सुखमय और आनंददायक बन जाती है। वास्तविक जीवन में कुछ दोस्त ऐसे भी होने चाहिए, जिनकी दोस्ती🤝🏻 पर आपको नाज हो! स्थिति कैसी भी हो परंतु जो अंत तक साथ निभाए वही सच्चा मित्र कहलाने का पात्र है। वास्तव में मित्र की घनिष्ठता का सालों साल साथ रहने से पता नहीं चलता, अपितु मन के भाव में अथवा चिंतन में जो सदा रहे वही सच्चा मित्र है। जीवन में किसी अन्य से यह अपेक्षा रखने की बजाए आप ही किसी के सच्चे मित्र बन जाए, तो शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।* .1⃣. दोस्ती करें, फूलों से ताकि हमारी जीवन-बगिया महकती रहे।2⃣. दोस्ती करें, पंछियों से, ताकि जिन्दगी चहकती रहे।3⃣. दोस्ती करें, प्रकृति के उन सुंदर रंगों से ताकि हमारा जीवन रंगीन हो जाए।4⃣. दोस्ती करें, कलम से ताकि सुन्दर वाक्यों का सृजन होता रहे।5⃣.दोस्ती करें, उन ज्ञानवर्धक पुस्तकों से ताकि शब्द-संसार में वृद्धि होती रहे।6⃣. दोस्ती करें,ईश्वर से ताकि संकट की घड़ी में वह हमारे काम आए। सुख में सच्चा सारथी बनकर साथ निभाए7⃣. दोस्ती करें, अपने आप से ताकि जीवन में कोई विश्वासघात ना कर सके।8⃣. दोस्ती करें, अपने माता-पिता से क्योंकि दुनिया में उनसे बढ़कर कोई शुभचिंतक नहीं।9⃣. दोस्ती करें,👆🏻सतगुरु से ताकि उनका मार्गदर्शन आपको भटकने ना दें।1⃣0⃣. दोस्ती करें, अपने हुनर से ताकि आप आत्मनिर्भर बन सकें .By वनिता कासनियां पंजाब *सदा स्मृति रहे कि आप एक शांत स्वरूप और प्रेम स्वरूप आत्मा है..!!* 🙏🏻जय श्री राधे कृष्णा...🌹 𝑮𝒐𝒐𝒅 𝑴𝒐𝒓𝒏𝒊𝒏𝒈 𝒋𝒊😍

💫जीवन यात्रा में कुछ सच्चे दोस्त🌷 ✍️ *.....कहते हैं जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना बहुत बड़ा वरदान है, क्योंकि यही एक रिश्ता है,जो खून से नहीं अपितु भावनाओं से जुड़ा है। यही वह रिश्ता है जो शब्दों की नहीं, अपितु आंखों की और मन की भाषा को भलीभांति समझता है। जीवन में यदि कुछ चुनिंदा दोस्त साथ हो तो जीवन यात्रा बहुत ही सुखमय और आनंददायक बन जाती है। वास्तविक जीवन में कुछ दोस्त ऐसे भी होने चाहिए, जिनकी दोस्ती🤝🏻 पर आपको नाज हो! स्थिति कैसी भी हो परंतु जो अंत तक साथ निभाए वही सच्चा मित्र कहलाने का पात्र है। वास्तव में मित्र की घनिष्ठता का सालों साल साथ रहने से पता नहीं चलता, अपितु मन के भाव में अथवा चिंतन में जो सदा रहे वही सच्चा मित्र है। जीवन में किसी अन्य से यह अपेक्षा रखने की बजाए आप ही किसी के सच्चे मित्र बन जाए, तो शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।*  . 1⃣. दोस्ती करें, फूलों से ताकि हमारी जीवन-बगिया महकती रहे। 2⃣. दोस्ती करें, पंछियों से, ताकि जिन्दगी चहकती रहे। 3⃣. दोस्ती करें, प्रकृति के उन सुंदर रंगों से ताकि हमारा जीवन रंगीन हो जाए। 4⃣. दोस्ती करें, कलम से ताकि सुन्दर वाक्यो...

जहाँ प्रेम है सम्मान है, स्वर्गानुमूति है,हर कोई स्वर्ग चाहता है, क्या किसीने बताया आकर .मुझे स्वर्ग मिला ।नहीं ! प्रिय जनों स्वर्ग यहीं है , जिसपरिवार मैं हम रहते हैं उसी को यदिप्रेम मय सम्मान दें, विषेश कर नारीको। यदि बहू को बेटी जैसा प्रेम मयसम्मान दिया जाये , वो घर मैं स्वर्गजैसा आभास करा देती है। क्योकिये शक्तिस्वरूपा है , सप्रेम सम्मानपाकर स्वर्गानुभूति मय बना देती हैउस घर को। इस लिये प्रेम भाव मयसम्मान दें नारी को, हर अवस्था मैं।नारी का सम्मान जहां है।स्वर्ग यहीं है. ज्ञान वहां है। ✍............. वनिता कासनियां पंजाब 🙏🙏

जहाँ प्रेम है सम्मान है, स्वर्गानुमूति है, हर कोई स्वर्ग चाहता है, क्या किसी ने बताया आकर .मुझे स्वर्ग मिला । नहीं ! प्रिय जनों स्वर्ग यहीं है , जिस परिवार मैं हम रहते हैं उसी को यदि प्रेम मय सम्मान दें, विषेश कर नारी को। यदि बहू को बेटी जैसा प्रेम मय सम्मान दिया जाये , वो घर मैं स्वर्ग जैसा आभास करा देती है। क्योकि ये शक्तिस्वरूपा है , सप्रेम सम्मान पाकर स्वर्गानुभूति मय बना देती है उस घर को। इस लिये प्रेम भाव मय सम्मान दें नारी को, हर अवस्था मैं। नारी का सम्मान जहां है। स्वर्ग यहीं है. ज्ञान वहां है। ✍............. वनिता कासनियां पंजाब                       🙏🙏

〰️〰️〰️➖‼️➖〰️〰️〰️#मन_को_सदा_सद्विचारों_में_ #संलग्न_रखेंBy वनिता कासनियां पंजाब〰️〰️〰️➖‼️➖〰️〰️〰️*👉मनुष्य जब तक जीवित रहता है सर्वदा कार्य में संलग्न रहता है, चाहे कार्य शुभ हो या अशुभ।* कुछ न कुछ कार्य करता ही रहता है और अपने कर्मों के फलस्वरूप दुःख सुख पाता रहता है, *बुरे कर्मों से दुःख एवं शुभ कर्मों से सुख।**जब हम ईश्वर की आज्ञानुसार कर्म करते हैं तो हमें किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है क्योंकि वे कार्य शुभ होते हैं परन्तु जब हम उनकी आज्ञा के विरुद्ध कार्य करते हैं तभी दुःखी होते हैं, दुःख से छुटकारा पाने के लिये हमें सदैव यह प्रयत्न करना चाहिए कि हम बुराइयों से बचें।*ईश्वर आज्ञा देता है कि *“हे मनुष्यों! इस संसार में "सत्कर्मों" को करते हुए सौ वर्ष तक जीने की इच्छा करो। "सत्कर्म" में कभी आलसी और प्रमादी मत बनो, जो तुम उत्तम कर्म करोगे तो तुम्हें इस उत्तम कर्म से कभी भी दुःख नहीं प्राप्त हो सकता है। अतः शुभ कार्य से कभी वंचित न रहो।”*हम लोगों का सबसे बढ़कर सही कर्त्तव्य है कि *हम मन को किसी क्षण कुविचारों के लिए अवकाश न दें क्योंकि जिस समय हमें शुभ कर्मों से अवकाश मिलेगा उसी समय हम विनाशकारी पथ की ओर अग्रसर होंगे।*मनुष्य का जीवन इतना बहुमूल्य है कि बार-बार नहीं मिलता, *यदि इस मनुष्य जीवन को पाकर हम ईश्वर की आज्ञा न मानकर व्यर्थ कर्मों में अपने समय को बरबाद कर रहे हैं तो इससे बढ़कर और मूर्खता क्या है?* इससे तो पशु ही श्रेष्ठ है जिनसे हमें परोपकार की तो शिक्षा मिलती है।हमारे जीवन का उद्देश्य सर्वदा अपनी तथा दूसरों की भलाई करना है। क्योंकि जो संकुचित स्वार्थ से ऊंचे उठकर उच्च उद्देश्यों के लिए उदार दृष्टि से कार्य करते हैं वे ही ईश्वरीय ज्ञान को पाते हैं और वही संसार के बुरे कर्मों से बचकर शुभ कर्मों को करते हुए आनन्द को उपलब्ध करते हैं। *जो प्रत्येक जीव के दुःख को अपना दुःख समझता है तथा प्रत्येक जीव में आत्मभाव रखता है अथवा परमपिता परमात्मा को सदैव अपने निकट समझता है वह कभी पाप कर्म नहीं करता जब पाप कर्म नहीं तो उसका फल दुःख भी नहीं।* इसलिए हमें सदा ईश्वर परायण होना चाहिए और सद्विचारों में निमग्न रहना चाहिए जिससे मानव जीवन का महान लाभ उपलब्ध किया जा सके।〰️〰️〰️➖💦➖〰️〰️〰️ *💦#जय_ #श्रीराम 💦* 🙏 #वाहे_ #गुरुजी 🙏 #परम_दयालु_ #परमेश्वर_कि_जय#ईश्वर_परमात्मा_ #मालिक_सृष्टि_रचयिता_को_ #कोटी_कोटी_नमन् 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏〰️〰️〰️➖💦➖〰️〰️〰️

〰️〰️〰️➖‼️➖〰️〰️〰️ #मन_को_सदा_सद्विचारों_में_ #संलग्न_रखें By वनिता कासनियां पंजाब 〰️〰️〰️➖‼️➖〰️〰️〰️ *👉मनुष्य जब तक जीवित रहता है सर्वदा कार्य में संलग्न रहता है, चाहे कार्य शुभ हो या अशुभ।* कुछ न कुछ कार्य करता ही रहता है और अपने कर्मों के फलस्वरूप दुःख सुख पाता रहता है, *बुरे कर्मों से दुःख एवं शुभ कर्मों से सुख।* *जब हम ईश्वर की आज्ञानुसार कर्म करते हैं तो हमें किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है क्योंकि वे कार्य शुभ होते हैं परन्तु जब हम उनकी आज्ञा के विरुद्ध कार्य करते हैं तभी दुःखी होते हैं, दुःख से छुटकारा पाने के लिये हमें सदैव यह प्रयत्न करना चाहिए कि हम बुराइयों से बचें।* ईश्वर आज्ञा देता है कि *“हे मनुष्यों! इस संसार में "सत्कर्मों" को करते हुए सौ वर्ष तक जीने की इच्छा करो। "सत्कर्म" में कभी आलसी और प्रमादी मत बनो, जो तुम उत्तम कर्म करोगे तो तुम्हें इस उत्तम कर्म से कभी भी दुःख नहीं प्राप्त हो सकता है। अतः शुभ कार्य से कभी वंचित न रहो।”* हम लोगों का सबसे बढ़कर सही कर्त्तव्य है कि *हम मन को किसी क्षण कुविचारों के लिए अवकाश न दें क्योंकि जिस समय हमें...

50 वर्ष से अधिक उम्र वाले इस पोस्ट को सावधानी पूर्वक पढें, क्योंकि यह उनके आने वाले जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है : अब वो ज़माना नहीं रहा की पिछले जन्म का कर्जा अगले जन्म में चुकाना है आधुनिक युग में सब कुछ हाथों हाथ हैं l ** सु:खमय वृद्धावस्था ** By वनिता कासनियां पंजाब--------------------------------- 1:- 🎪 अपने स्वंय के स्थायी आवास पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें !2 :- 💰अपना बैंक बैलेंस और भौतिक संपति अपने पास रखें, अति प्रेम में पड़कर किसी के नाम करने की ना सोंचे !3 :- अपने बच्चों 👭👬 के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है और कभी-कभी न चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर पाते हैं ! 4 :- उन लोगों को अपने मित्र 🗣👤👥 समूह में शामिल करें जो आपके जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हों, यानी सच्चे हितैषी हों ! .. 🙏🙏5 :- किसी के साथ 🙌 अपनी 🧑🏻 तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखें ! 6 :- अपनी संतानों 👫👬के जीवन में दखल अन्दाजी ना करे , उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप 🤨 अपने तरीके से जीवन व्यतीत करें ! 7 :- आप अपनी वृद्धावस्था 👩‍🏫👨‍🏫 का आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने तथा सम्मान पाने का प्रयास कभी ना करें ! 8 :- लोगों की 👩👦🏻👩👵🏻🧓🏿👴🏻 बातें सुनें 👂 लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें !9 :- प्रार्थना करें 🙏लेकिन भीख ना मांगें, यहाँ तक कि भगवान से भी नहीं, अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफी एंव हिम्मत !10 :- अपने स्वास्थ्य 💪👈 का स्वंय ध्यान रखें चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टीक भोजन खाएं और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें ! छोटे कष्टों पर ध्यान ना दें, उम्र के साथ छोटी-मोटी शारीरीक 🤷‍♂ परेशानियां चलती रहतीं हैं !11 :- अपने जीवन को उल्हास पूर्वक 🤓🕵‍♀😎😍 जीने का प्रयत्न करें, खुद प्रसन्न 🤪 रहें तथा दूसरों को भी प्रसन्न रखें ! 12 :- प्रति वर्ष भ्रमण / छोटी - छोटी यात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य〰️〰️〰️➖‼️➖〰️〰️〰️#मन_को_सदा #सद्विचारों_में_संलग्न_रखें〰️〰️〰️➖‼️➖〰️〰️〰️*👉मनुष्य जब तक जीवित रहता है सर्वदा कार्य में संलग्न रहता है, चाहे कार्य शुभ हो या अशुभ।* कुछ न कुछ कार्य करता ही रहता है और अपने कर्मों के फलस्वरूप दुःख सुख पाता रहता है, *बुरे कर्मों से दुःख एवं शुभ कर्मों से सुख।**जब हम ईश्वर की आज्ञानुसार कर्म करते हैं तो हमें किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है क्योंकि वे कार्य शुभ होते हैं परन्तु जब हम उनकी आज्ञा के विरुद्ध कार्य करते हैं तभी दुःखी होते हैं, दुःख से छुटकारा पाने के लिये हमें सदैव यह प्रयत्न करना चाहिए कि हम बुराइयों से बचें।*ईश्वर आज्ञा देता है कि *“हे मनुष्यों! इस संसार में "सत्कर्मों" को करते हुए सौ वर्ष तक जीने की इच्छा करो। "सत्कर्म" में कभी आलसी और प्रमादी मत बनो, जो तुम उत्तम कर्म करोगे तो तुम्हें इस उत्तम कर्म से कभी भी दुःख नहीं प्राप्त हो सकता है। अतः शुभ कार्य से कभी वंचित न रहो।”*हम लोगों का सबसे बढ़कर सही कर्त्तव्य है कि *हम मन को किसी क्षण कुविचारों के लिए अवकाश न दें क्योंकि जिस समय हमें शुभ कर्मों से अवकाश मिलेगा उसी समय हम विनाशकारी पथ की ओर अग्रसर होंगे।*मनुष्य का जीवन इतना बहुमूल्य है कि बार-बार नहीं मिलता, *यदि इस मनुष्य जीवन को पाकर हम ईश्वर की आज्ञा न मानकर व्यर्थ कर्मों में अपने समय को बरबाद कर रहे हैं तो इससे बढ़कर और मूर्खता क्या है?* इससे तो पशु ही श्रेष्ठ है जिनसे हमें परोपकार की तो शिक्षा मिलती है।हमारे जीवन का उद्देश्य सर्वदा अपनी तथा दूसरों की भलाई करना है। क्योंकि जो संकुचित स्वार्थ से ऊंचे उठकर उच्च उद्देश्यों के लिए उदार दृष्टि से कार्य करते हैं वे ही ईश्वरीय ज्ञान को पाते हैं और वही संसार के बुरे कर्मों से बचकर शुभ कर्मों को करते हुए आनन्द को उपलब्ध करते हैं। *जो प्रत्येक जीव के दुःख को अपना दुःख समझता है तथा प्रत्येक जीव में आत्मभाव रखता है अथवा परमपिता परमात्मा को सदैव अपने निकट समझता है वह कभी पाप कर्म नहीं करता जब पाप कर्म नहीं तो उसका फल दुःख भी नहीं।* इसलिए हमें सदा ईश्वर परायण होना चाहिए और सद्विचारों में निमग्न रहना चाहिए जिससे मानव जीवन का महान लाभ उपलब्ध किया जा सके।〰️〰️〰️➖💦➖〰️〰️〰️ *💦#जय_ #श्रीराम 💦* 🙏 #वाहे_ #गुरुजी 🙏 #परम_दयालु_ #परमेश्वर_कि_जय#ईश्वर_परमात्मा_ #मालिक_सृष्टि_रचयिता_को_कोटी_कोटी_नमन् 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏〰️〰️〰️➖💦➖〰️〰️〰️

50 वर्ष से अधिक उम्र वाले इस पोस्ट को सावधानी पूर्वक पढें, क्योंकि यह उनके आने वाले जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है : अब वो ज़माना नहीं रहा की पिछले जन्म का कर्जा अगले जन्म में चुकाना है आधुनिक युग में सब कुछ हाथों हाथ हैं l  ** सु:खमय वृद्धावस्था ** By वनिता कासनियां पंजाब --------------------------------- 1:- 🎪 अपने स्वंय के स्थायी आवास पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का             आनंद ले सकें ! 2 :- 💰अपना बैंक बैलेंस और भौतिक संपति अपने पास रखें, अति प्रेम में             पड़कर किसी के नाम करने की ना सोंचे ! 3 :- अपने बच्चों 👭👬 के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में        आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता        भी बदल जाती है और कभी-कभी न चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर        पाते हैं !  4 :- उन लोगों को अपने मित्र 🗣👤👥 समूह में शामिल करें जो आपके         जीवन को प्रसन्न देखन...

Karwa Chauth 2022 Date: करवा चौथ व्रत में बाकी है बस एक दिन, जानें पूजा मुहूर्त, चांद के दीदार का सही समय#वनिता #कासनियां #पंजाब द्वाराKarwa Chauth 2022: #करवा_चौथ के व्रत में अब एक ही दिन बाकी है. कल यानी 13 अक्टूबर 2022 को ब्रह्म मुहूर्त के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी. आइए जानते हैं करवा चौथ के मुहूर्त और पूजा विधि.Karwa Chauth 2022 Date: करवा चौथ के व्रत में अब एक ही दिन बाकी है. कल यानी 13 अक्टूबर 2022 को ब्रह्म मुहूर्त के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी. करवा चौथ का व्रत सालों बाद कई संयोग लेकर आ रहा है जिसने इस दिन की अहमियत को और बढ़ा दिया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पूरी निष्ठा के साथ दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं. फिर रात्रि में चंद्रमा की पूजा कर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है. यह पर्व पति-पत्नी के अटूट रिश्ते की मिसाल है. आइए जानते हैं करवा चौथ के मुहूर्त और पूजा विधिटोटीवाला करवा और ढक्कन - करवा चौथ का व्रत में करवा के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. करवा को गणपति का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं करवे में लगी टोटी गणेश जी की सूंड मानी जाती है. करवा में जल भरकर पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने से मंगल कामनाएं पूर्ण होती है.करवा चौथ कथा की पुस्तक और तस्वीर - करवा चौथ का व्रत कथा के बाद ही पूरा माना जाता है. पूजा में चौथ माता, करवा माता और गणेश जी की कथा पढ़ी जाती है. करवा माता की पूजा के लिए उनकी फोटो लें आएंकांस की सींक - कांस की सींक को करवे की टोटी में डाला जाता है. मान्यता है कि यह सींक शक्ति का प्रदर्शन करती है.कलश - सनातन धर्म में पूजा में कलश का होना अनिवार्य होता है, क्योंकि इसमें ग्रह, नक्षत्र, 33 करोड़ देवी-देवता और पवित्र तीर्थों का वास माना जाता है. इनकी उपासना के बाद ही शुभ कार्य शुरू किया जाता है.16 श्रृंगार का सामान - चूड़ी, साड़ी, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछिया आदिपूजा की थाली - पान, फूल, चंदन, मौली, अक्षत, हल्दी, चावल, मिठाई, रोली, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, शक्कर का बूरा, दीपक, अगरबत्ती, कपूर, गेहूं, बाती (रूई)लकड़ी का आसन, छलनी, दक्षिणा के पैसे, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरीकरवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi)महिलाओं के अखंड सौभाग्य का प्रतीक करवा चौथ व्रत की कथा (Karwa Chautha Vrat Katha) कुछ इस प्रकार है- एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा।रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी।साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ। साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो।साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं।इसे भी पढें: नवरात्रि में रखें इन 9 बातों का ध्यान, मातारानी हो जाएंगी प्रसन्नसाहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया।साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया।इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश जी उसपर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया।करवा #चौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)Sourceनारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा (Karwa Chauth Puja Vidhi) करने के लिए बालू या सफेद मिट्टी की एक वेदी बनाकर भगवान शिव- देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, चंद्रमा एवं गणेशजी को स्थापित कर उनकी #विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।#पूजा के बाद करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए तथा चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से अपने पति को देखना चाहिए। पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस प्रकार व्रत को सोलह या बारह वर्षों तक करके उद्यापन कर देना चाहिए। पूजा की कुछ अन्य रस्मों में सास को बायना देना, मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करना आदि शामिल है।#चन्द्रोदय समय (Karwa Chauth Puja Timings in Hindi)पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। इस दिन बिना चन्द्रमा को अर्घ्य दिए व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है। कहते हैं इस प्रकार यदि कोई मनुष्य छल-कपट, अहंकार, लोभ, लालच को त्याग कर श्रद्धा और भक्तिभाव पूर्वक चतुर्थी का व्रत को पूर्ण करता है, तो वह जीवन में सभी प्रकार के दुखों और क्लेशों से मुक्त होता है और सुखमय जीवन व्यतीत करता है।लाइक करें हमारे #फेसबुक पेज को और न्यूज से सम्बंधित #वीडियो देखने के लिए विजिट करें हमारे यूट्यूब चैनल को।

Karwa Chauth 2022 Date: करवा चौथ व्रत में बाकी है बस एक दिन, जानें पूजा मुहूर्त, चांद के दीदार का सही समय #वनिता #कासनियां #पंजाब द्वारा Karwa Chauth 2022: #करवा_चौथ के व्रत में अब एक ही दिन बाकी है. कल यानी 13 अक्टूबर 2022 को ब्रह्म मुहूर्त के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी. आइए जानते हैं करवा चौथ के मुहूर्त और पूजा विधि.Karwa Chauth 2022 Date: करवा चौथ के व्रत में अब एक ही दिन बाकी है. कल यानी 13 अक्टूबर 2022 को ब्रह्म मुहूर्त के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी. करवा चौथ का व्रत सालों बाद कई संयोग लेकर आ रहा है जिसने इस दिन की अहमियत को और बढ़ा दिया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पूरी निष्ठा के साथ दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं. फिर रात्रि में चंद्रमा की पूजा कर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है. यह पर्व पति-पत्नी के अटूट रिश्ते की मिसाल है. आइए जानते हैं करवा चौथ के मुहूर्त और पूजा विधिटोटीवाला करवा और ढक्कन - करवा चौथ का व्रत में करवा के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. करवा को गणपति का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं करवे में लगी टोटी गण...

💧💧💧💧💧💧💧💧*वाह रे पैसा!* *तेरे कितने नाम?*मंदिर मे दिया जाये तो*( चढ़ावा )* स्कुल में *( फ़ीस )*शादी में दो तो*( दहेज )* तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )* आप किसी को देतेहो तो *( कर्ज )* अदालत में *( जुर्माना )*सरकार लेती है तो*( कर )* सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )*अपहर्ताओ के लिए*( फिरौती )* होटल में सेवा के लिए *( टिप )*बैंक से उधार लो तो*( ऋण )* श्रमिकों के लिए *( वेतन )* मातहत कर्मियों के लिए*( मजदूरी )* अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )*और मुझे दोगे तो*(गिफ्ट)* *मैं पैसा हूँ:!*मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते;मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!*मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें। *मैं पैसा हूँ:!*मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते। *मैं पैसा हूँ:!*मैं नमक की तरह हूँ। जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है। *मैं पैसा हूँ:!*इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था;मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था। *मैं पैसा हूँ:!*मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ कि लोगआपको कितनी इज्जत देते है। *मैं पैसा हूँ:!*मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ!आपके पास नहीं हूँ तो,आपका नहीं हूँ! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं। *मैं पैसा हूँ:!*मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ;मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!*मैं सारे फसाद की जड़ हूँ;मगर फिर भी न जाने क्योंसब मेरे पीछे इतना पागल हैं?वनिता कासनियां पंजाब द्वारा 🔴एक सच्चाई ये भी है कि.........*बदलता हुआ दौर है साहब ...**पहले "आयु" में बड़े का* *सम्मान होता था...!**अब "आय" में बड़े का* *सम्मान होता है*🙏 🙏🥀जय सेवा ⛳🌹🌻⛳🌹🌻⛳🌹🌻⛳🌹🌻

💧💧💧💧💧💧💧💧 *वाह रे पैसा!*              *तेरे कितने नाम?* मंदिर मे दिया जाये तो *( चढ़ावा )*                      स्कुल में                     *( फ़ीस )* शादी में दो तो *( दहेज )*                तलाक देने पर               *( गुजारा भत्ता )*  आप किसी को देते हो तो *( कर्ज )*                     अदालत में                    *( जुर्माना )* सरकार लेती है तो *( कर )*                  सेवानिवृत्त होने पे                 *( पेंशन )* अपहर्ताओ के लिए *( फिरौती )*                  होटल में सेवा के लिए             ...