हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया, वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया. जय हिन्द Army हमारी दिवाली में रोशनी इसलिए हैं क्योंकि सरहद पर अँधेरे में कोई खड़ा हैं. जय हिन्द एक सैनिक ने क्या खूब कहा है. किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं, कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं. नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए, आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए. जय हिन्द जहर पिलाकर मजहब का, इन कश्मीरी परवानों को, भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को, खुले प्रशिक्षण, खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है, सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है, जय हिन्द फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं, ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं. जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं, कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता ह...
कुण्डली वक्री ग्रह क्या होते हैं? ग्रहों की वक्र दृष्टि क्या होती हैं? By वनिता कासनियां पंजाब: आपको मालूम होगा कि ज्योतिषशास्त्र में हम भूकेंद्रित(geocentric model) लेते हैं, जिसमें पृथ्वी ब्रह्मांड के बीच में स्थित है, और सूर्य+सारे ग्रह, पृथ्वी के चक्कर लगाते हैं, पर असल में हमारा सौर्य मण्डल, सूर्य केंद्रित है, और सारे ग्रह, सूर्य के ही चक्कर लगाते हैं:—-> पर चूंकि, ज्योतिष शास्त्र, भूकेंद्रित मॉडल पे बना है, इसीलिए जब हम पृथ्वी को केंद्र में रख के देखते हैं, तो सूर्य और सारे ग्रह कुछ ऐसे चलते हुए मालूम चलते हैं:—→ तो अगर हम मंगल, धरती और सूर्य को बहुकेंद्रित और सूर्यकेंद्रित में साथ में देखे तो कुछ ऐसा होता है:—-> अब आपने कभी कार overtake तो की होगी, उसमें आप स्पीड में आगे वाली कार का पीछा करते हैं, फिर उसतक पहुचते हैं, और फिर उसको overtake करलेते हैं:—-> पर इसमें आखरी में ऐसा लगता है कि दूसरी कार पीछे जा रही है, जबकि वो भी आगे ही जारही है, बस आपने उसको पछाड़ दिया है, ऐसा ही बिल्कुल ग्रहों के साथ होता है, जो कि सूर्य के चक्कर लगा रहें हैं। पर क्यूंकी आपको उसको भूकेंद्रित होके देखते हैं, इसीलिए आपको लगता है कि वो पीछे जा रहें हैं, जिसको ग्रह का वक्री होना कहते हैं।। और जैसे ही सूर्य केंद्रित होने के कारण, पृथ्वी उससे आगे निकले गी, भूकेंद्रित मॉडल में, ग्रह पीछे जाते हुए दिखनी लगे गा, अर्थात वक्री हो जाएगा :→ इसीतरह, धरती से देखे जाने पे ग्रह वक्री होते हैं, वक्री ग्रह, बिल्कुल सामान्य ग्रह की तरह काम करते हैं, और उनकी दृष्टि भी मार्गी ग्रह के समान ही होती हैं, बस ज्योतिष में उनको मार्गी ग्रह से काफी शक्तिशाली माना जाता है, और यह माना जाता है, कि वो कुछ पूर्व कर्म को बैलन्स करने के लिए आपकी जन्म कुंडली में वक्री हुए हैं।
कुण्डली वक्री ग्रह क्या होते हैं? ग्रहों की वक्र दृष्टि क्या होती हैं? By वनिता कासनियां पंजाब: आपको मालूम होगा कि ज्योतिषशास्त्र में हम भूकेंद्रित(geocentric model) लेते हैं, जिसमें पृथ्वी ब्रह्मांड के बीच में स्थित है, और सूर्य+सारे ग्रह, पृथ्वी के चक्कर लगाते हैं, पर असल में हमारा सौर्य मण्डल, सूर्य केंद्रित है, और सारे ग्रह, सूर्य के ही चक्कर लगाते हैं:—-> पर चूंकि, ज्योतिष शास्त्र, भूकेंद्रित मॉडल पे बना है, इसीलिए जब हम पृथ्वी को केंद्र में रख के देखते हैं, तो सूर्य और सारे ग्रह कुछ ऐसे चलते हुए मालूम चलते हैं:—→ तो अगर हम मंगल, धरती और सूर्य को बहुकेंद्रित और सूर्यकेंद्रित में साथ में देखे तो कुछ ऐसा होता है:—-> अब आपने कभी कार overtake तो की होगी, उसमें आप स्पीड में आगे वाली कार का पीछा करते हैं, फिर उसतक पहुचते हैं, और फिर उसको overtake करलेते हैं:—-> पर इसमें आखरी में ऐसा लगता है कि दूसरी कार पीछे जा रही है, जबकि वो भी आगे ही जारही है, बस आपने उसको पछाड़ दिया है, ऐसा ही बिल्कुल ग्रहों के साथ होता है, जो कि सूर्य के चक्कर लगा रहें हैं। पर क्यूंकी आपको ...