4464005860401745 Biography of Rishi Sunak 2022 | ऋषि सुनक की जीवनी By वनिता कासनियां पंजाब !!Rishi sunak biography आज हम जानेंगे rishi sunak biography के बारे मे. आज यह जिस मुकाम व जिस पद पर है उससे भारत बहुत गौरान्वित महसूस कर रहा है. भारतीय मूल के ऋषि सुनक , जो हाल ही में ब्रिटैन के प्रधान मंत्री बने हैं। और इनका भारत से क्या रिश्ता है। दोस्तों ऋषि सुनक बहुत दिनों से चर्चा में चल रहे हैं और ये ब्रिटैन की रियासत में कार्य कर रहे हैं , तो हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है इनके बारे में जानना, क्यूंकि कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति अगर विदेश में अपनी रियासत चलाता है, तो यह बात पुरे देश के लिए एक गर्व की बात बन जाती है।ऋषि सुनक का प्राम्भिक जीवनऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के थे. उनके पिताजी यशवीर का जन्म और लालन पोषण केन्या में हुआ था जबकि उनकी माता उषा का जन्म तंजानिया में हुआ था. इनके माता-पिता भारतीय मूल के हिन्दू कानू हलवाई थे , जो पूर्व अफ्रीका में रहते थे.90 के दशक में इनके माता-पिता ने पूर्व अफ्रीका से इंग्लैंड में आए थे।इनके दादा-दादी पंजाबी (खत्री परिवार से) थे। जिनका जन्म पंजाब (आधुनिक पाकिस्तान) में हुआ था, और वर्ष 1960 के दशक के दौरान वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका को छोड़कर ब्रिटेन शिफ्ट हो गए थे | ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ. उनके पिता डॉक्टर जबकि मां दवाखाना चलाती थीं. ऋषि तीन भाई बहनों में सबसे बड़े है।ऋषि सुनक की पढ़ाईभारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था. उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे जहां से उन्होंने २००६ में MBA किया था।ऋषि सुनक का बिजनेस करियरऋषि सुनक ने अपनी पहली नौकरी कैलिफोर्निया में स्थित एक अमेरिका निवेश बैंक में की जिसका नाम था गोल्डमैन सैक्स। इसमें उन्होंने बतौर विश्लेषक के रूप में काम किया। साल 2004 में उन्होंने हेज फंड मैनेजमेंट फर्म द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में भी काम किया। उसके बाद साल 2009 में नौकरी छोड़ दी। अक्टूबर 2010 में लगभग ७०० मिलियन डॉलर के शुरूआती निवेश से फर्म शुरू की। जिसका नाम रखा थेलेम पार्टनर्स।फिर 2013 में उन्हें और उनकी पत्नी को उनके ससुर(नारायण मूर्ति) ने निवेश फर्म कैटामारन वेंचर्स यूके लिमिटेड का निदेशक बनाया। जिसके बाद उन्होंने 30 अप्रैल 2015 को इस पद से इस्तीफा दे दिया।ऋषि सुनक की शादीऋषि जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे थे उसी दौरान उनकी मुलाकात भारत की दिग्गज सॉफ़्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को- फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. दोनों की नजदीकियां प्यार में बदल गई और दोनों ने अगस्त 2009 में शादी (Rishi Sunak Akshata Murthy Wedding) कर ली. अक्षता पेशे से एक फैशन डिज़ाइनर है. वर्तमान में कटमरैन वेंचर्स की डायरेक्टर है. और इनका नाम ब्रिटेन की सबसे अमीर माहिलाओ की लिस्ट में आता ह।ऋषि सुनक का राजनीती में आनाऋषि सुनक साल 2014 में पहली बार ब्रिटेन की संसद में कदम रखा। दरअसल जिस समय वो संसद में पहुंचे तब उस समय पूर्व सांसद विलियम हेग ने रिचमंड को चुनाव लड़ाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ऋषि सुनक ने रिचमंज की जगह ली और कंजर्वेटिव एमपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े। और १९५५० मत हासिल किये। और उस समय ब्रिटैन कके प्रधान मंत्री David __ कमरों थे।ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया. उन्हें हमेशा से कंजरवेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया । और वय 2014 से लेकर 2017 तक एन्वॉयरमेंट फ़ूड एंड रूरल अफेयर्स मेंबर कमेटी का हिस्सा रह। साल 2017 के संसदीय चुनाव में एक बार फिर से रिचमंड (यार्क) के संसद बनकर उभरे.ऋषि साल 2018 से लेकर जुलाई 2019 तक ब्रिटिश गवर्मेंट के पार्लियामेंट्री अंडर सेक्रेटरी बने.साल 2019 में ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के इलेक्शन में ऋषि ने बोरिस जॉनसन का समर्थन किया.एक बार फिर से 2019 के आम चुनाव में ऋषि की जीत हुई और जुलाई 2019 में पूर्व ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जानसन द्वारा ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया.उन्हें जुलाई 2019 में प्रिवी काउंसिल का मेंबर बनाया गया. और इसके बाद फरवरी 2020 में इंग्लैंड के वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला और 11 मार्च 2020 को उन्होंने अपना पहला बजट पेश किया था। अपने कार्यकाल के दौरान ऋषि सुनक ने कोरोना महामारी से परेशान लोगों की मदद को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था।जिसमे उन्होंने करीबन 30 मिलियन खर्च करने का ऐलान किया। जिसके कारण कई लोगों की जान भी बचाई गई और जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था।इसके बाद 17 मार्च 2020 को उन्होंने व्यवसायों के लिए आपातकालीन सहायता में 330 बिलियन और कर्मचारियों के लिए वेतन की घोषणा की। इसमें उन्हें सब्सिडी प्राप्त कराई गई। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने नौकरी प्रतिधारण योजना की घोषणा की। लेकिन इसे गंभीर प्रतिक्रिया मिली। क्योंकि इसके लिए 1 लाख लोगों की अनुमति चाहिए थी जो प्राप्त नहीं हो पाई। जिसके कारण इस योजना को 30 सितंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया।साल 2021 के बजट में ऋषि सुनक ने वित्त वर्ष 2020-21 में घाटा बढ़कर 355 बिलियन पाउंड कर दिया। जो उस समय के पीकटाइम में सबसे ज्यादा था। उन्होंने फिर कॉरपोरेशन टैक्स को 19 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत हो गया और टैक्स-फ्री पर्सनल अलाउंस में से पांस साल की रोक लगा दी। फिर जून 2021 में जी 7 शिखर सम्मेलन में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ऑनलाइन कंपनियों पर वैश्विक न्यूनतम कर स्थापित किया। अक्टूबर 2021 में ऋषि सुनक ने तीसरा बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य अनुसंधान और नवाचार के लिए 5 बिलियन पाउंड और कौशल शिक्षा के लिए 3 बिलियन पाउंड की राशि शामिल की गई।ऋषि सनक 25 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन के 18वें प्रधानमंत्री बने। ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस( 44 दिन का कार्यकाल ) के इस्तीफा के बाद इस रेस में पेनी मोर्डंट और पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम भी शामिल था। लेकिन पेनी मोर्डंट पूर्ण समर्थन जुटाने में असमर्थ रही तो वही बोरिस जॉनसन ने इस चुनाव को लड़ने से इंकार कर दिया। और कंजरवेटिव पार्टी ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सनक को चुन लिया। किंग चार्ल्स III द्वारा ऋषि को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, सनक विलियम पिट द यंगर के बाद सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री बनकर इतिहास रच दिया है।भारत के बारे में क्या सोचते हैं ऋषि सुनक?ऋषि सुनक ने हाल ही में कहा था कि भारत में बहुत अवसर हैं और भारत भविष्य को उम्मीद भरों नजरों से देख रहा है. उन्होंने भारत की वकालत करते हुए कहा था कि कि ब्रिटेन को भारत को कमतर आंकने से बचना होग।ऋषि सुनक के प्रधानमन्त्री बनने पर ब्रिटैन और भारत के बिव्ह Free Trade Agreement और भी मजबूत हो जायगा। उन्होंने एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा है की उन्होंने कहा, ‘वित्तीय सेवा एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम दोनों देशों के लिए अपार अवसर हैं। भारत का लक्ष्य पूरी अर्थव्यवस्था में बीमा का प्रसार करना है, क्योंकि व्यक्तियों और विकास के लिए सुरक्षा को सक्षम करने के लिए बीमा एक बड़ी बात है। हम कर सकते हैं। उन्होंने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए भारत की योजनाओं का भी उल्लेख किया और ब्रिटेन उस यात्रा से गुजरने के बाद भारत को उस पूंजी को जुटाने में मदद करना चाहेगा।Frequently Ask Questions: – 1.ऋषि सुनक के परिवार में कौन कौन हैं?ऋषि सुनक के परिवार में उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और उनकी दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं2.ऋषि सुनक की कुल सम्पति कितनी है?ऐसा कहा जाता है की ऋषि सुनक क पास इतनी सम्पत्ति है जितनी की ब्रिटैन के प्रिंस चार्ल्स के पास भी नहीं है। इनके पास कुल 730 मिलियन पौंड की कुल सम्पत्तियाँ है।3.अमेरिका में ऋषि सुनक का कोनसा हाउस है?इनका अमेरिका में एक पेंटहाउस है जहां हॉलीबुड फिल्म वेवतच की शूटिंग हुई थी।4.FTA(FREE TRADE AGREEMENT) क्या है?. एफटीए दो या दो से अधिक देशों के बीच की संधियां हैं जिन्हें व्यापार और निवेश के लिए कुछ बाधाओं को कम करने या समाप्त करने और भाग लेने वाले देशों के बीच मजबूत व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है|5.ऋषि सुनक की शादी कौनसे शहर में हुई थी?ऋषि सुनक की शादी बैंगलोर स्थित लीला पैलेस होटल में हुई थी|6. ऋषि सुनक का धर्म क्या है?ऋषि सुनक हिन्दू धर्म से है।7. ऋषि सुनक की जाति क्या है?ऋषि सुनक ब्राह्मण जाती से है। सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Siment is a binder , By Vnita Kasina Punjab ✌️ 🇮🇳A substance used in construction that sets, hardens, and binds other materials together.

  भाषा पीडीएफ डाउनलोड करें घड़ी संपादन क सीमेंट एक  बाइंडर  है , By Vnita Kasina Punjab ✌️ 🇮🇳    निर्माण में इस्तेमाल होने वाला एक  क पदार्थ जो  जमता है  , कठोर होता है और अन्य  सामग्रियों को आपस में जोड़ने के लिए उनसे चिपक जाता है। सीमेंट  का  इस्तेमाल अकेले शायद ही कभी किया जाता है, बल्कि इसका इस्तेमाल रेत और बजरी (  एग्रीगेट  ) को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। सीमेंट को महीन एग्रीगेट के साथ मिलाकर चिनाई के लिए  गारा  बनाया जाता है , या  रेत  और  बजरी के साथ मिलाकर  कंक्रीट  बनाया जाता है।  कंक्रीट दुनिया में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली सामग्री है और पानी के बाद दुनिया का सबसे ज़्यादा खपत वाला संसाधन है।  [  2  ] एक बैग में सीमेंट पाउडर, समुच्चय और पानी के साथ मिश्रण करने के लिए तैयार।  [  1  ] 1905 में टोलेडो, ओहियो की मल्टीप्लेक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा सीमेंट ब्लॉक निर्माण के उदाहरण निर्माण में प्रयुक्त सीमेंट आमतौर पर  अ...

Biography of Rishi Sunak 2022 | ऋषि सुनक की जीवनी By वनिता कासनियां पंजाब !!Rishi sunak biography आज हम जानेंगे rishi sunak biography के बारे मे. आज यह जिस मुकाम व जिस पद पर है उससे भारत बहुत गौरान्वित महसूस कर रहा है. भारतीय मूल के ऋषि सुनक , जो हाल ही में ब्रिटैन के प्रधान मंत्री बने हैं। और इनका भारत से क्या रिश्ता है। दोस्तों ऋषि सुनक बहुत दिनों से चर्चा में चल रहे हैं और ये ब्रिटैन की रियासत में कार्य कर रहे हैं , तो हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है इनके बारे में जानना, क्यूंकि कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति अगर विदेश में अपनी रियासत चलाता है, तो यह बात पुरे देश के लिए एक गर्व की बात बन जाती है।ऋषि सुनक का प्राम्भिक जीवनऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के थे. उनके पिताजी यशवीर का जन्म और लालन पोषण केन्या में हुआ था जबकि उनकी माता उषा का जन्म तंजानिया में हुआ था. इनके माता-पिता भारतीय मूल के हिन्दू कानू हलवाई थे , जो पूर्व अफ्रीका में रहते थे.90 के दशक में इनके माता-पिता ने पूर्व अफ्रीका से इंग्लैंड में आए थे।इनके दादा-दादी पंजाबी (खत्री परिवार से) थे। जिनका जन्म पंजाब (आधुनिक पाकिस्तान) में हुआ था, और वर्ष 1960 के दशक के दौरान वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका को छोड़कर ब्रिटेन शिफ्ट हो गए थे | ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ. उनके पिता डॉक्टर जबकि मां दवाखाना चलाती थीं. ऋषि तीन भाई बहनों में सबसे बड़े है।ऋषि सुनक की पढ़ाईभारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था. उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे जहां से उन्होंने २००६ में MBA किया था।ऋषि सुनक का बिजनेस करियरऋषि सुनक ने अपनी पहली नौकरी कैलिफोर्निया में स्थित एक अमेरिका निवेश बैंक में की जिसका नाम था गोल्डमैन सैक्स। इसमें उन्होंने बतौर विश्लेषक के रूप में काम किया। साल 2004 में उन्होंने हेज फंड मैनेजमेंट फर्म द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में भी काम किया। उसके बाद साल 2009 में नौकरी छोड़ दी। अक्टूबर 2010 में लगभग ७०० मिलियन डॉलर के शुरूआती निवेश से फर्म शुरू की। जिसका नाम रखा थेलेम पार्टनर्स।फिर 2013 में उन्हें और उनकी पत्नी को उनके ससुर(नारायण मूर्ति) ने निवेश फर्म कैटामारन वेंचर्स यूके लिमिटेड का निदेशक बनाया। जिसके बाद उन्होंने 30 अप्रैल 2015 को इस पद से इस्तीफा दे दिया।ऋषि सुनक की शादीऋषि जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे थे उसी दौरान उनकी मुलाकात भारत की दिग्गज सॉफ़्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को- फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. दोनों की नजदीकियां प्यार में बदल गई और दोनों ने अगस्त 2009 में शादी (Rishi Sunak Akshata Murthy Wedding) कर ली. अक्षता पेशे से एक फैशन डिज़ाइनर है. वर्तमान में कटमरैन वेंचर्स की डायरेक्टर है. और इनका नाम ब्रिटेन की सबसे अमीर माहिलाओ की लिस्ट में आता ह।ऋषि सुनक का राजनीती में आनाऋषि सुनक साल 2014 में पहली बार ब्रिटेन की संसद में कदम रखा। दरअसल जिस समय वो संसद में पहुंचे तब उस समय पूर्व सांसद विलियम हेग ने रिचमंड को चुनाव लड़ाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ऋषि सुनक ने रिचमंज की जगह ली और कंजर्वेटिव एमपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े। और १९५५० मत हासिल किये। और उस समय ब्रिटैन कके प्रधान मंत्री David __ कमरों थे।ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया. उन्हें हमेशा से कंजरवेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया । और वय 2014 से लेकर 2017 तक एन्वॉयरमेंट फ़ूड एंड रूरल अफेयर्स मेंबर कमेटी का हिस्सा रह। साल 2017 के संसदीय चुनाव में एक बार फिर से रिचमंड (यार्क) के संसद बनकर उभरे.ऋषि साल 2018 से लेकर जुलाई 2019 तक ब्रिटिश गवर्मेंट के पार्लियामेंट्री अंडर सेक्रेटरी बने.साल 2019 में ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के इलेक्शन में ऋषि ने बोरिस जॉनसन का समर्थन किया.एक बार फिर से 2019 के आम चुनाव में ऋषि की जीत हुई और जुलाई 2019 में पूर्व ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जानसन द्वारा ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया.उन्हें जुलाई 2019 में प्रिवी काउंसिल का मेंबर बनाया गया. और इसके बाद फरवरी 2020 में इंग्लैंड के वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला और 11 मार्च 2020 को उन्होंने अपना पहला बजट पेश किया था। अपने कार्यकाल के दौरान ऋषि सुनक ने कोरोना महामारी से परेशान लोगों की मदद को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था।जिसमे उन्होंने करीबन 30 मिलियन खर्च करने का ऐलान किया। जिसके कारण कई लोगों की जान भी बचाई गई और जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था।इसके बाद 17 मार्च 2020 को उन्होंने व्यवसायों के लिए आपातकालीन सहायता में 330 बिलियन और कर्मचारियों के लिए वेतन की घोषणा की। इसमें उन्हें सब्सिडी प्राप्त कराई गई। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने नौकरी प्रतिधारण योजना की घोषणा की। लेकिन इसे गंभीर प्रतिक्रिया मिली। क्योंकि इसके लिए 1 लाख लोगों की अनुमति चाहिए थी जो प्राप्त नहीं हो पाई। जिसके कारण इस योजना को 30 सितंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया।साल 2021 के बजट में ऋषि सुनक ने वित्त वर्ष 2020-21 में घाटा बढ़कर 355 बिलियन पाउंड कर दिया। जो उस समय के पीकटाइम में सबसे ज्यादा था। उन्होंने फिर कॉरपोरेशन टैक्स को 19 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत हो गया और टैक्स-फ्री पर्सनल अलाउंस में से पांस साल की रोक लगा दी। फिर जून 2021 में जी 7 शिखर सम्मेलन में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ऑनलाइन कंपनियों पर वैश्विक न्यूनतम कर स्थापित किया। अक्टूबर 2021 में ऋषि सुनक ने तीसरा बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य अनुसंधान और नवाचार के लिए 5 बिलियन पाउंड और कौशल शिक्षा के लिए 3 बिलियन पाउंड की राशि शामिल की गई।ऋषि सनक 25 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन के 18वें प्रधानमंत्री बने। ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस( 44 दिन का कार्यकाल ) के इस्तीफा के बाद इस रेस में पेनी मोर्डंट और पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम भी शामिल था। लेकिन पेनी मोर्डंट पूर्ण समर्थन जुटाने में असमर्थ रही तो वही बोरिस जॉनसन ने इस चुनाव को लड़ने से इंकार कर दिया। और कंजरवेटिव पार्टी ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सनक को चुन लिया। किंग चार्ल्स III द्वारा ऋषि को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, सनक विलियम पिट द यंगर के बाद सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री बनकर इतिहास रच दिया है।भारत के बारे में क्या सोचते हैं ऋषि सुनक?ऋषि सुनक ने हाल ही में कहा था कि भारत में बहुत अवसर हैं और भारत भविष्य को उम्मीद भरों नजरों से देख रहा है. उन्होंने भारत की वकालत करते हुए कहा था कि कि ब्रिटेन को भारत को कमतर आंकने से बचना होग।ऋषि सुनक के प्रधानमन्त्री बनने पर ब्रिटैन और भारत के बिव्ह Free Trade Agreement और भी मजबूत हो जायगा। उन्होंने एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा है की उन्होंने कहा, ‘वित्तीय सेवा एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम दोनों देशों के लिए अपार अवसर हैं। भारत का लक्ष्य पूरी अर्थव्यवस्था में बीमा का प्रसार करना है, क्योंकि व्यक्तियों और विकास के लिए सुरक्षा को सक्षम करने के लिए बीमा एक बड़ी बात है। हम कर सकते हैं। उन्होंने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए भारत की योजनाओं का भी उल्लेख किया और ब्रिटेन उस यात्रा से गुजरने के बाद भारत को उस पूंजी को जुटाने में मदद करना चाहेगा।Frequently Ask Questions: – 1.ऋषि सुनक के परिवार में कौन कौन हैं?ऋषि सुनक के परिवार में उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और उनकी दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं2.ऋषि सुनक की कुल सम्पति कितनी है?ऐसा कहा जाता है की ऋषि सुनक क पास इतनी सम्पत्ति है जितनी की ब्रिटैन के प्रिंस चार्ल्स के पास भी नहीं है। इनके पास कुल 730 मिलियन पौंड की कुल सम्पत्तियाँ है।3.अमेरिका में ऋषि सुनक का कोनसा हाउस है?इनका अमेरिका में एक पेंटहाउस है जहां हॉलीबुड फिल्म वेवतच की शूटिंग हुई थी।4.FTA(FREE TRADE AGREEMENT) क्या है?. एफटीए दो या दो से अधिक देशों के बीच की संधियां हैं जिन्हें व्यापार और निवेश के लिए कुछ बाधाओं को कम करने या समाप्त करने और भाग लेने वाले देशों के बीच मजबूत व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है|5.ऋषि सुनक की शादी कौनसे शहर में हुई थी?ऋषि सुनक की शादी बैंगलोर स्थित लीला पैलेस होटल में हुई थी|6. ऋषि सुनक का धर्म क्या है?ऋषि सुनक हिन्दू धर्म से है।7. ऋषि सुनक की जाति क्या है?ऋषि सुनक ब्राह्मण जाती से है।

Biography of Rishi Sunak 2022 | ऋषि सुनक की जीवनी

By वनिता कासनियां पंजाब !!

Rishi sunak biography

आज हम जानेंगे rishi sunak biography के बारे मे. आज यह जिस मुकाम व जिस पद पर है उससे भारत बहुत गौरान्वित महसूस कर रहा है. भारतीय मूल के  ऋषि सुनक , जो हाल ही में  ब्रिटैन के प्रधान मंत्री बने हैं। और इनका भारत से क्या रिश्ता है। दोस्तों ऋषि सुनक बहुत दिनों से चर्चा में चल रहे हैं और ये ब्रिटैन की रियासत में कार्य कर  रहे हैं , तो हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है इनके बारे में जानना, क्यूंकि कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति अगर विदेश में अपनी रियासत चलाता है, तो यह बात पुरे देश के  लिए एक गर्व की बात बन जाती है।

ऋषि सुनक का प्राम्भिक जीवन

ऋषि सुनक  के माता-पिता भारतीय मूल के थे. उनके पिताजी  यशवीर का जन्म और लालन पोषण केन्या में हुआ था जबकि उनकी माता  उषा का जन्म तंजानिया में हुआ था. इनके माता-पिता भारतीय मूल के हिन्दू कानू हलवाई थे , जो पूर्व अफ्रीका में रहते थे.90 के दशक में इनके माता-पिता ने पूर्व अफ्रीका से इंग्लैंड में आए थे।

इनके दादा-दादी पंजाबी (खत्री परिवार से) थे। जिनका जन्म पंजाब (आधुनिक पाकिस्तान) में  हुआ था, और वर्ष 1960 के दशक के दौरान वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका को छोड़कर ब्रिटेन शिफ्ट हो गए थे | ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ. उनके पिता डॉक्टर जबकि मां दवाखाना चलाती थीं. ऋषि तीन भाई बहनों में सबसे बड़े है।

ऋषि सुनक की पढ़ाई

भारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था. उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे जहां से उन्होंने २००६ में MBA   किया था।

ऋषि सुनक का बिजनेस करियर

ऋषि सुनक ने अपनी पहली नौकरी कैलिफोर्निया में स्थित एक अमेरिका निवेश बैंक में की जिसका नाम था गोल्डमैन सैक्स। इसमें उन्होंने बतौर विश्लेषक के रूप में काम किया। साल 2004 में उन्होंने हेज फंड मैनेजमेंट फर्म द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में भी काम किया। उसके बाद साल 2009 में नौकरी छोड़ दी। अक्टूबर 2010 में लगभग ७०० मिलियन डॉलर के शुरूआती निवेश से फर्म शुरू की। जिसका नाम रखा थेलेम पार्टनर्स।

फिर 2013 में उन्हें और उनकी पत्नी को उनके ससुर(नारायण मूर्ति) ने निवेश फर्म कैटामारन वेंचर्स यूके लिमिटेड का निदेशक बनाया। जिसके बाद उन्होंने 30 अप्रैल 2015 को इस पद से इस्तीफा दे दिया।

ऋषि सुनक की शादी

ऋषि जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे थे उसी दौरान उनकी मुलाकात भारत की दिग्गज सॉफ़्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को- फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. दोनों की नजदीकियां प्यार में बदल गई और दोनों ने अगस्त 2009 में शादी (Rishi Sunak Akshata Murthy Wedding) कर ली. अक्षता पेशे से एक फैशन डिज़ाइनर है. वर्तमान में कटमरैन वेंचर्स की डायरेक्टर है. और इनका नाम ब्रिटेन की सबसे अमीर माहिलाओ की लिस्ट में आता ह।

ऋषि सुनक का राजनीती में आना

ऋषि सुनक साल 2014 में पहली बार ब्रिटेन की संसद में कदम रखा। दरअसल जिस समय वो संसद में पहुंचे तब उस समय पूर्व सांसद विलियम हेग ने रिचमंड को चुनाव लड़ाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ऋषि सुनक ने रिचमंज की जगह ली और कंजर्वेटिव एमपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े। और १९५५० मत हासिल किये। और उस समय ब्रिटैन कके प्रधान मंत्री David __ कमरों थे।

ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया. उन्हें हमेशा से कंजरवेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया । और वय 2014 से लेकर 2017 तक एन्वॉयरमेंट  फ़ूड एंड रूरल अफेयर्स मेंबर कमेटी का हिस्सा रह। 

  • साल 2017 के संसदीय चुनाव में एक बार फिर से रिचमंड (यार्क) के संसद बनकर उभरे.
  • ऋषि साल 2018 से लेकर जुलाई 2019 तक ब्रिटिश गवर्मेंट के पार्लियामेंट्री अंडर सेक्रेटरी बने.
  • साल 2019 में ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के इलेक्शन में ऋषि ने बोरिस जॉनसन का समर्थन किया.

एक बार फिर से 2019 के आम चुनाव में ऋषि की जीत हुई और जुलाई 2019 में पूर्व ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जानसन द्वारा ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया.

उन्हें जुलाई 2019 में प्रिवी काउंसिल का मेंबर बनाया गया. और इसके बाद फरवरी 2020 में इंग्लैंड के वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला और 11 मार्च 2020 को उन्होंने अपना पहला बजट पेश किया था। अपने कार्यकाल के दौरान ऋषि सुनक ने कोरोना महामारी से परेशान लोगों की मदद को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था।जिसमे उन्होंने करीबन 30 मिलियन खर्च करने का ऐलान किया। जिसके कारण कई लोगों की जान भी बचाई गई और जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था।

इसके बाद 17 मार्च 2020 को उन्होंने व्यवसायों के लिए आपातकालीन सहायता में 330 बिलियन और कर्मचारियों के लिए वेतन की घोषणा की। इसमें उन्हें सब्सिडी प्राप्त कराई गई। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने नौकरी प्रतिधारण योजना की घोषणा की। लेकिन इसे गंभीर प्रतिक्रिया मिली। क्योंकि इसके लिए 1 लाख लोगों की अनुमति चाहिए थी जो प्राप्त नहीं हो पाई। जिसके कारण इस योजना को 30 सितंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया।

साल 2021 के बजट में ऋषि सुनक ने वित्त वर्ष 2020-21 में घाटा बढ़कर 355 बिलियन पाउंड कर दिया। जो उस समय के पीकटाइम में सबसे ज्यादा था। उन्होंने फिर कॉरपोरेशन टैक्स को 19 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत हो गया और टैक्स-फ्री पर्सनल अलाउंस में से पांस साल की रोक लगा दी। फिर जून 2021 में जी 7 शिखर सम्मेलन में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ऑनलाइन कंपनियों पर वैश्विक न्यूनतम  कर स्थापित किया। अक्टूबर 2021 में ऋषि सुनक ने तीसरा बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य अनुसंधान और नवाचार के लिए 5 बिलियन पाउंड और कौशल शिक्षा के लिए 3 बिलियन पाउंड की राशि शामिल की गई।

ऋषि सनक 25 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन के 18वें  प्रधानमंत्री बने। ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस( 44 दिन का कार्यकाल ) के इस्तीफा के बाद इस रेस में पेनी मोर्डंट और पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम भी शामिल था। लेकिन पेनी मोर्डंट पूर्ण समर्थन जुटाने में असमर्थ रही तो वही बोरिस जॉनसन ने इस चुनाव को लड़ने से इंकार कर दिया। और कंजरवेटिव पार्टी ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सनक को चुन लिया। किंग चार्ल्स III द्वारा ऋषि को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, सनक विलियम पिट द यंगर के बाद सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री बनकर इतिहास रच दिया है।

भारत के बारे में क्या सोचते हैं ऋषि सुनक?

ऋषि सुनक ने हाल ही में कहा था कि भारत में बहुत अवसर हैं और भारत भविष्य को उम्मीद भरों नजरों से देख रहा है.  उन्होंने भारत की वकालत करते हुए कहा था कि कि ब्रिटेन को भारत को कमतर आंकने से बचना होग।

ऋषि सुनक के प्रधानमन्त्री बनने पर ब्रिटैन और भारत के बिव्ह Free Trade Agreement और भी मजबूत हो जायगा।  उन्होंने एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा है की उन्होंने कहा, ‘वित्तीय सेवा एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम दोनों देशों के लिए अपार अवसर हैं। भारत का लक्ष्य पूरी अर्थव्यवस्था में बीमा का प्रसार करना है, क्योंकि व्यक्तियों और विकास के लिए सुरक्षा को सक्षम करने के लिए बीमा एक बड़ी बात है। हम कर सकते हैं।  उन्होंने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए भारत की योजनाओं का भी उल्लेख किया और ब्रिटेन उस यात्रा से गुजरने के बाद भारत को उस पूंजी को जुटाने में मदद करना चाहेगा।

Frequently Ask Questions: –

 

1.ऋषि सुनक के परिवार में कौन कौन हैं?

ऋषि सुनक के परिवार में उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और उनकी दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं

2.ऋषि सुनक की कुल सम्पति कितनी है?

ऐसा कहा जाता है की ऋषि सुनक क पास इतनी सम्पत्ति है जितनी की ब्रिटैन के प्रिंस चार्ल्स के पास भी नहीं है।  इनके पास कुल 730 मिलियन पौंड की कुल सम्पत्तियाँ है।

3.अमेरिका में ऋषि सुनक का कोनसा हाउस है?

इनका अमेरिका में एक पेंटहाउस है जहां हॉलीबुड फिल्म वेवतच की शूटिंग हुई थी।

4.FTA(FREE TRADE AGREEMENT)  क्या है?

. एफटीए दो या दो से अधिक देशों के बीच की संधियां हैं जिन्हें व्यापार और निवेश के लिए कुछ बाधाओं को कम करने या समाप्त करने और भाग लेने वाले देशों के बीच मजबूत व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है|

5.ऋषि सुनक की शादी कौनसे शहर में हुई थी?

ऋषि सुनक की शादी बैंगलोर स्थित लीला पैलेस होटल में हुई थी|

6. ऋषि सुनक का धर्म क्या है?

ऋषि सुनक हिन्दू धर्म से है।

7. ऋषि सुनक की जाति क्या है?

ऋषि सुनक ब्राह्मण जाती से है।

टिप्पणियाँ

बलुवाना न्यूज 6 कोरोना वायरस का प्रसार:बीते 24 घंटे में देश में 19,100 नया केस, महाराष्ट्र-केरल के ब

बलुवाना न्यूज पंजाब ऑटो डेस्क : बदलती टेक्नोलॉजी में हर दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर भी काफी प्रयोग किए जा रहे हैं। आजतक आपने गोबर का इस्तेमाल ईंधन में होते सुना और देखा भी होगा लेकिन क्या आपने कभी गोबर से चलता ट्रैक्टर देखा है क्या? वैज्ञानिकों ने गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रैक्टर को ब्रिटिश कंपनी बेनामन (Bennamann) ने बनाया है। इस ट्रैक्टर का नाम New Holland T7 है। इस ट्रैक्टर में डीजल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आइए जानते हैं आखिर गोबर से कैसे चलेगा यह ट्रैक्टर.. 270 हॉर्सपावर, डीजल की छुट्टी खेती में गोबर की जरूरत काफी होती है। जैविक खेती के तौर पर गोबर का यूज होता रहा है। ऐसे में गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर आने से गोबर की अहमियत बढ़ने की संभावना है। यह ट्रैक्टर 270 हॉर्सपावर का है और डीजल ट्रैक्टर की तरह ही काम करता है। गोबर का ही इस्तेमाल क्यों दरअसल, गाय के गोबर में फ्यूजिटिव मीथेन गैस पाई जाती है। बाद में यह बायोमीथेन ईंधन में बदल जाती है। इससे किसानों का काम काफी आसान हो जाने की बात कही जा रही है। इससे पॉल्युशन रोकने में भी मदद मिलेगी। बायोमीथेन फ्यूज का यूज एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गाय के गोबर से जो बायोमीथेन ईंधन तैयार होता है, उससे 270 BHP का ट्रैक्टर आसानी से चलाया जा सकता है। ब्रिटेन के साइंटिस्ट ने इस ट्रैक्टर को बनाने का काम किया है। यह उसी तरह काम करेगा, जिस तरह से CNG की गाड़ियां काम करती हैं। किस तरह काम करेगा यह ट्रैक्टर इस ट्रैक्टर को चलाने के लिए गायों के गोबर को इकट्ठा कर उसे बायोमीथेन (Positive Methane) में बदला गया। इसके लिए ट्रैक्टर में एक क्रॉयोजेनिक टैंक भी वैज्ञानिकों ने लगाया है। जिसमें गोबर से तैयार बायोमीथेन फ्यूल का यूज किया जाता है। क्रॉयोजेनिक टैंक (cryogenic tank) 162 डिग्री के टेंपरेचर में बायोमीथेन को लिक्विफाइड करने का काम करता है। खेती-किसानी होगा आसान इस ट्रैक्टर का टेस्ट कॉर्नवॉल (Cornwall) के एक खेत में किया गया है। इसका फायदा ये हुआ कि सिर्फ एक साल में ही कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन 2,500 टन से घटकर 500 टन हो गया। इस ट्रैक्टर के आने से खेती-किसानी आसान होगी और डीजल पर आने वाला खर्च कम होगा।

   बलुवाना न्यूज पंजाब ऑटो डेस्क : बदलती टेक्नोलॉजी में हर दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर भी काफी प्रयोग किए जा रहे हैं। आजतक आपने गोबर का इस्तेमाल ईंधन में होते सुना और देखा भी होगा लेकिन क्या आपने कभी गोबर से चलता ट्रैक्टर देखा है क्या? वैज्ञानिकों ने गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रैक्टर को ब्रिटिश कंपनी बेनामन (Bennamann) ने बनाया है। इस ट्रैक्टर का नाम New Holland T7 है। इस ट्रैक्टर में डीजल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।   आइए जानते हैं आखिर गोबर से कैसे चलेगा यह ट्रैक्टर.. 270 हॉर्सपावर, डीजल की छुट्टी खेती में गोबर की जरूरत काफी होती है। जैविक खेती के तौर पर गोबर का यूज होता रहा है। ऐसे में गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर आने से गोबर की अहमियत बढ़ने की संभावना है। यह ट्रैक्टर 270 हॉर्सपावर का है और डीजल ट्रैक्टर की तरह ही काम करता है। गोबर का ही इस्तेमाल क्यों दरअसल, गाय के गोबर में फ्यूजिटिव मीथेन गैस पाई जाती है। बाद में यह बायोमीथेन ईंधन में बदल जाती है। इससे किसानों का काम काफी आसान हो जाने की बात कही जा रह...

*💐💐💐 ज्ञान की पोटली 💐💐💐* *सदैव प्रथम स्थान पर रहें_* *मुस्कराने में...*, *प्रशंसा करने में....*, *सहयोग करने में...* *क्षमा करने में..."* *और,**अपनी गलती मान लेने में ॥* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*तकलीफ़ तो खुद ही* *कम हो गयी**जब लोगों कि उम्मीद* *हमसे कम हो गयी*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹वनिता कासनियां पंजाब *आपके प्रयत्न केवल आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिये न हों, बल्कि परिवार में विवेक जागृत करने के लिये भी हो।* *जिंदगी में खुशियाँ आपके पास पैसा कितना है इस बात पर कम व आपके पास धैर्य कितना है, इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है।* *आप में परिवार के अन्दर की समस्याओं और बाहरी द्वेष से विवेकपूर्ण ढंग से निपटने की तथा गलत को गलत कहने की क्षमता कितनी हे।**!!!....एक शांत मन* *चुनौतियों के खिलाफ* *सबसे बड़ा* *हथियार होता है...!!!**💐💐💐💐शुभ प्रभात 💐💐💐**🌷🌷आपका दिन मंगलमय हो 🌷🌷*

*💐💐💐 ज्ञान की पोटली 💐💐💐*  *सदैव प्रथम स्थान पर रहें_*        *मुस्कराने में...*,  *प्रशंसा करने में....*,        *सहयोग करने में...*  *क्षमा करने में..."*              *और,* *अपनी गलती मान लेने में ॥*    🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *तकलीफ़ तो खुद ही*  *कम हो गयी* *जब लोगों कि उम्मीद*  *हमसे कम हो गयी* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 वनिता कासनियां पंजाब               *आपके प्रयत्न केवल आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिये न हों, बल्कि परिवार में विवेक जागृत करने के लिये भी हो।*               *जिंदगी में खुशियाँ आपके पास पैसा कितना है इस बात पर कम व आपके पास धैर्य कितना है, इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है।*           *आप में परिवार के अन्दर की समस्याओं और बाहरी द्वेष से विवेकपूर्ण ढंग से निपटने की तथा गलत को गलत कहने की क्षमता कितनी हे।* *!!!....एक शांत मन*  *चुनौतियों के खिलाफ*...

,,आप पारद शिवलिंग में पारे के ठोस अवस्था में रूपांतरण की व्याख्या कैसे करेंगे? By वनिता कासनियां पंजाब पारद शिवलिंग को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। ताम्र को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है।सभी शिवलिंगों में पारद के शिवलिंग का स्थान सबसे ऊपर है इसका कारण है इसकी पूजन करने के लाभपारद शिवलिंग की महिमा अलग है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमयी हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को "सुवर्ण रसलिंग" भी कहते हैं। पारद शिव लिंग की महिमा का वर्णन रूद्र संहिता, पारद संहिता, रसमार्तंड ग्रन्थ, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण आदि में मिलता है। योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे "महालिंग" की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है ।पारा को धातुओं में सर्वोत्तम माना गया है। यह अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रापर्टीज के लिए वैज्ञानिक तौर पर भी मशहूर है। पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है।अगर आप अध्यात्म पथ पर आगे बढऩा चाहते हों, योग और ध्यान में आपका मन लगता हो और मोक्ष के प्राप्ति की इच्छा हो तो आपको पारे से बने शिवलिंग की पूजा एवं उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है।यदि आपको जीवन में कष्टों से मुक्ति नहीं मिल रही हो, लोग आपसे विश्वासघात कर देते हों तो पारद के शिवलिंग को यथाविधि शिव परिवार के साथ पूजन करें। ऐसा करने से आपकी समस्त कष्ट दूर हो जायेगे।संकटों से मुक्ति के लिए किसी भी माह में प्रदोष के दिन पारद के शिवलिंग की षोडशोपचार पूजा करके शिव महिमा मन्त्र से अभिषेक करें। फिर हर दिन पूजन करते रहें, कुछ ही समय में आर्थिक स्थिति ठीक होने लगती है। कर्ज मुक्ति होती है।अगर आपके घर या व्यापार स्थल पर अशांति, क्लेश आदि बना रहता हो। तो पारद के शिवलिंग की पूजा करे।आप को नींद ठीक से नहीं आती हो, घर के सदस्यों में टकराव और वैचारिक मतभेद बना रहता हो तो आपको पारद निर्मित एक कटोरी में जल डाल कर घर के मध्य भाग में रखना चाहिए। उस जल को रोज़ बाहर किसी गमले में डाल देना चाहिए। ऐसा करने से धीरे-धीरे घर में सदस्यों के बीच में प्रेम बढऩा शुरू हो जाएगा और मानसिक शान्ति की अनुभूति भी होगी। मेरे घर मे जो जल पारद के शिवलिंग पर चढ़ता है, वही गमले मे डाल दिया जाता है।पारद शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन करने से समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इसका यथाविधि पूजन करने से मानसिक, शारीरिक, तामसिक या अन्य कई विकृतियां स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।पारद के शिवलिंग के दर्शन मात्र से आपकी सभी इच्छा पूरी हो जाती हैं। इनकी पूजा करने से स्वास्थ्य और धन-यश की इच्छा पूर्ण होती है।जो भी भक्त पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं, उनकी रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं।इस शिवलिंग के स्पर्श मात्र से दैवीय शक्तियां व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाती हैं।आत्मविश्वास की कमी है तो करे पारद के शिवलिंग की पूजा। जो लोग अपनी बात सार्वजनिक रूप से खुलकर नही रख पाते है।लोग आपको दब्बू की संज्ञा देते हैं तो आपको नियमित रूप से पारद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। इससे मस्तिष्क को उर्वरता प्राप्त होती है। वाक सिद्धि प्राप्त होती है। हजारों लोगों को अपनी वाणी से सम्मोहित करने की क्षमता आ जाती है।पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन से संबंधित, परिवार से संबंधित, स्वास्थ्य से संबंधित और आपके जीवन से जुड़ी हुई हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या का अंत होता है।यह शिवलिंग घर की बुरी शक्तियों को दूर करती है |किसी भी तरह का जादू टोना घर के सदस्यों पर होने से रोकता है |परिवार के सदस्यों को असीम शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है |यह घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करता हैअगर घर का कोई सदस्य बीमार हो जाए तो उसे पारद शिवलिंग पर अभिषेक किया हुआ पानी पिलाने से वह ठीक होने लगता है।यदि किसी को पितृ दोष हो तो उसे प्रतिदिन पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे पितृ दोष समाप्त हो जाता है।य़दि बहुत प्रचण्ड तान्त्रिक प्रयोग या अकाल मृत्यु या वाहन दुर्घटना योग हो तो ऐसा शुद्ध पारद शिवलिंग उसे अपने ऊपर ले लेता है | ऐसी स्थिति में यह अपने आप टूट जाता है, और साधक की रक्षा करता है |ऐसे करे पारद के शिवलिंग की पूजासर्वप्रथम शिवलिंग को सफेद कपड़े पर आसन पर रखें।स्वयं पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाए।अपने आसपास जल, गंगाजल, रोली, मोली, चावल, दूध और हल्दी, चन्दन रख लें।सबसे पहले पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जला कर रखो।थोडा सा जल हाथ में लेकर तीन बार निम्न मन्त्र का उच्चारण करके पी लें।प्रथम बार ॐ मुत्युभजाय नम:दूसरी बार ॐ नीलकण्ठाय: नम:तीसरी बार ॐ रूद्राय नम:चौथी बार ॐशिवाय नम:हाथ में फूल और चावल लेकर शिवजी का ध्यान करें और मन में ''ॐ नम: शिवाय`` का 5 बार स्मरण करें और चावल और फूल को शिवलिंग पर चढ़ा दें।इसके बाद ॐ नम: शिवाय का निरन्तर उच्चारण करते रहे।फिर हाथ में चावल और पुष्प लेकर ''ॐ पार्वत्यै नम:`` मंत्र का उच्चारण कर माता पार्वती का ध्यान कर चावल पारा शिवलिंग पर चढ़ा दें।इसके बाद ॐ नम: शिवाय का निरन्तर उच्चारण करें।फिर मोली को और इसके बाद बनेऊ को पारद शिवलिंग पर चढ़ा दें।इसके पश्चात हल्दी और चन्दन का तिलक लगा दे।चावल अर्पण करे इसके बाद पुष्प चढ़ा दें।मीठे का भोग लगा दे।भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ा दें।फिर अन्तिम में शिव की आरती करे और प्रसाद आदि ले लो।जो व्यक्ति इस प्रकार से पारद शिवलिंग का पूजन करता है इसे शिव की कृपा से सुख समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है।मेरे घर के पारद के शिवलिंगमेरे घर के पूजा घर के दो जगहों पर दो पारद के शिवलिंग थे । एक पूजा घर से चोरी हो गया या ग़ायब हो गया नही पता चला।उस शिवलिंग का पता नही चला उसकी मैं पूजा और ध्यान किया करता था। मुझे काफी लाभ मिला था । उस शिवलिंग पर मुझे बहुत श्रद्धा थी। चोरी हो गया अफसोस है , शायद मुझसे ज्यादा उसको जरूरत होगी ।ये पारद शिवलिंग है मेरे घर के पूजा घर मे है ।पारद का शिवलिंग बहुत कम देखने को मिलता है , पारद का शिवलिंग बनाने की एक विधि होती है । मेरे गुरुजी के शिष्य ने ये विद्या गुरुजी से सीखी थी , उन्होंने बना कर दो हम लोगो को दिया था , एक छोटा था , एक बड़ा था । उस शिष्य ने जब इस विद्या का धंधा शुरू कर दिया तो गुरुजी ने उसे आश्रम से निकाल दिया तब से आज तक उससे मुलाकात नही हो पाई।पारद के शिवलिंग का महत्वप्राचीन ग्रंथों में पारद को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता आदि महत्वपूर्ण ग्रन्थों में भी मिलता है। शिवपुराण में पारद को शिव का वीर्य कहा गया है। वीर्य बीज है, जो संपूर्ण जीवों की उत्पत्ति का कारक है। इसी के माध्यम से भौतिक सृष्टि का विस्तार होता है। पारे को प्राकृतिक रूप से प्रबल ऊर्जा प्रदान करने वाला रासायनिक तत्व कहा गया है। पारे से बने शिवलिंग को समस्त प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंगों में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है और इसकी पूजा सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाली कही गई है। ग्रंथों में शिव लिंग को ब्रम्हांड का प्रतीक माना गया है। जानकारों के अनुसार रुद्र संहिता में शिव लिंगों के भी प्रकार बताए गए हैं, जो सृष्टि में व्याप्त अलग-अलग ब्रम्हांडों के प्रतीक माने जाते हैं। वैदिक ग्रंथों में पारे को संसार के समस्त राग, द्वेष, विकार का विनाशक माना गया है। जो लोग अध्यात्म की राह पर चलना चाहते हैं, उनके लिए पारद शिवलिंग की पूजा अवश्य करना चाहिए। समस्त प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी पारद शिवलिंग की पूजा की जाती है। शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख है कि पारे के शिव लिंग को यदि निश्चित आकार में घर पर रखा जाए तो सारे वास्तुदोष्ज्ञ स्वत: समाप्त हो जाते हैं। इस शिवलिंग को पूरे शिव परिवार के साथ रखा जाना चाहिए। पूजन विधि में, समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति में पारद से बने शिवलिंग एवं अन्य आकृतियों का विशेष महत्व होता है।सरल नही है पारद का शिवलिंग बनानापारद शिव लिंग का निर्माण क्रमशः तीन मुख्य धातुओ के रासायनिक संयोग से होता है. “अथर्वन महाभाष्य में लिखा है क़ि-“द्रत्यान्शु परिपाकेनलाब्धो यत त्रीतियाँशतः. पारदम तत्द्वाविन्शत कज्जलमभिमज्जयेत. उत्प्लावितम जरायोगम क्वाथाना दृष्टोचक्षुषः तदेव पारदम शिवलिंगम पूजार्थं प्रति गृह्यताम।इस प्रकार कम से कम सत्तर प्रतिशत पारा, सोना, चाँदी,ताबा, पंद्रह प्रतिशत मणि फेन या मेगनीसियम तथा दस प्रतिशत कज्जल या कार्बन तथा पांच प्रतिशत अंगमेवा या पोटैसियम कार्बोनेट होना चाहिए। इन सब को मिलाकर ठोस रूप दिया जाता है।पारद का शोधन अत्यंत कठिन कार्य होता है। इसको शोधित करने जैसी कठिन एवं जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, तब जाकर पारा ठोस आकार ग्रहण करता है पारद शिवलिंग बनाने की एक विद्या होती है जिसको सीखना पड़ता है । इसे ठोस बनाने के लिए वैदिक क्रियाओं सहित चौसठ दिव्य औषधियों का मिश्रण करना पड़ता है। निर्माण के बाद उसे मांत्रिक क्रियाओं के जरिए रससिद्ध एवं चैतन्य किया जाता है, तब जाकर पारद शिवलिंग पूर्ण सक्षम एवं प्रभावयुक्त बनता है तो उसकी पूजा होती है। असली पारद शिवलिंग का निर्माण एक विशेष समय अवधि में ही होता है | इस विशेष समय को विजयकाल के नाम से जाना जाता है | बाजार में दिखावे के भी पारद शिवलिंग भी मिलते है जो ठग विद्या के लिए बने है | इन्हे खरीदने से पहले इनकी अच्छे से जांच कर लेनी चाहिएवनिता कासनियां पंजाबकहाँ होता है निर्माणभोपाल से 142 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे बने बापौली-मांगरोल आश्रम में इन दिनों पारद शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। 8 महीने में 64 जड़ी-बूटियों के साथ सोना-चांदी-ताबा मिलाकर इन्हें तैयार किया जा रहा है। इनकी कीमत 11000 रुपए से शुरू होकर 1 करोड़ तक होती है। यहाँ साल भर में 30 से 35 पारद शिवलिंग बनते है। रायसेन जिले के बरेली तहसील में नर्मदा किनारे मांगरौल आश्रम बना है। यहां बरसों से पारद शिवलिंग बनाया जाता है। देश के कई हिस्सों से लोग साल भर यहां शिवलिंग बनवाने आते हैं। ये काम पूरे साल चलता रहता है। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि आने पर इनकी मांग बढ़ जाती है। पारद शिवलिंग को बनाना बेहद मुश्किल काम है। बिना किसी मशीनी मदद से पारे को साफ करने के लिए 8 संस्कार किए जाते हैं। अष्ट संस्कार में 6 महीने लग जाते हैं। 2 महीने 15 दिन से लगते हैं बाकी क्रियाओं में और इसके बाद पारद शिवलिंग बन कर तैयार होता है बाद सभी 64 औषधियां मिलाकर पारद को ठोस बनाया जाता है। कपारद का प्रभाव बढ़ाने के लिए सोना-चांदी भी मिलाया जाता है।स्रोत इमेज गूगल/ मेरा फोनस्रोत लिंकसमस्त सुखों की प्राप्ति के लिए कीजिए पारद शिवलिंग की पूजापारद शिवलिंग का महत्व महिमा और इसे पूजने से होने वाले लाभघर में रखें पारद शिवलिंग, जानें इनकी पूजा के कितने हैं फायदेपारद शिवलिंगपारद शिवलिंग

,, आप पारद शिवलिंग में पारे के ठोस अवस्था में रूपांतरण की व्याख्या कैसे करेंगे? By वनिता कासनियां पंजाब पारद शिवलिंग को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। ताम्र को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है। सभी शिवलिंगों में पारद के शिवलिंग का स्थान सबसे ऊपर है इसका कारण है इसकी पूजन करने के लाभ पारद शिवलिंग की महिमा अलग है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमयी हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को "सुवर्ण रसलिंग" भी कहते हैं। पारद शिव लिंग की महिमा का वर्णन रूद्र संहिता, पारद संहिता, रसमार्तंड ग्रन्थ, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण आदि में मिलता है। योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे "महालिंग" की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है । पारा को धातुओं में सर्वोत्तम माना गया है। यह अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रापर्टीज क...