हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया, वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया. जय हिन्द Army हमारी दिवाली में रोशनी इसलिए हैं क्योंकि सरहद पर अँधेरे में कोई खड़ा हैं. जय हिन्द एक सैनिक ने क्या खूब कहा है. किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं, कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं. नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए, आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए. जय हिन्द जहर पिलाकर मजहब का, इन कश्मीरी परवानों को, भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को, खुले प्रशिक्षण, खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है, सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है, जय हिन्द फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं, ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं. जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं, कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता ह...
!! घमण्ड !!
By वनिता कासनियां पंजाब ?
काशी में सालों साथ रहकर दो पंडितों ने धर्म और शास्त्रों की शिक्षा ली। शिक्षा पूरी होने के बाद दोनों विद्वान अपने-अपने गांव आये। यातायात के साधन के बिना उस समय लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में कई-कई दिन लगते थे और वे रात में विश्राम भी करते थे।
दोनों पंडित भी एक नगर में नगर के सबसे धनी सेठ के यहां आराम के लिए रुके। सेठ ने उनके रहने की उत्तम व्यवस्था की। सेठ दोनों के पास पहुंचा और उसने पाया की दोनों पडितों में बहुत ज्यादा घमंड है। दोनों एक-दूसरे को मूर्ख समझते हैं। उनसे बात कर सेठ को बड़ा बुरा अनुभव हुआ। सेठ में भोजन के समय दोनों को बड़े आदरपूर्वक भोजन कक्ष में बुला कर एक की थाली में चारा और दूसरे की थाली में भूसा परोसा। यह देख गुस्से में आकर पंडितो ने कहा क्या हम जानवर हैं जो यह चारा और भूसा खाएंगे। तुम हमारा अपमान कर रहे हो यह लक्ष्मी द्वारा सरस्वती का अपमान है।😳🙄
सेठ ने बड़ी ही शांति से जवाब दिया- इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है। जब मैंने आपमें से एक से दूसरे के बारे में पूछा था, तो एक ने कहा कि वह तो बैल है और दूसरे ने कहा था कि वह तो गधा है। तो मैंने उसी हिसाब से भोजन का प्रबंध किया। सेठ की बातें सुनते ही सुनते ही दोनों को अपनी गलती का एहसास हो गया। 🙅🏻♂️🙅🏻♂️
शिक्षा:-
ज्ञान का घमंड और दूसरों के प्रति बुरे भाव न तो किसी आम आदमी को शोभा देता है और न ही किसी विद्वान् को। ज्ञान का घमंड करने से अच्छा है कि हम विद्वान् की बजाय इंसान पहले बनें..!!
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
हर हर महादेव
#Vnita 🙏🙏
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