हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया, वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया. जय हिन्द Army हमारी दिवाली में रोशनी इसलिए हैं क्योंकि सरहद पर अँधेरे में कोई खड़ा हैं. जय हिन्द एक सैनिक ने क्या खूब कहा है. किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं, कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं. नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए, आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए. जय हिन्द जहर पिलाकर मजहब का, इन कश्मीरी परवानों को, भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को, खुले प्रशिक्षण, खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है, सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है, जय हिन्द फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं, ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं. जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं, कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता ह...
,मेरो छोटो सो गोपाल छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल ।बीच में मेरो मदन गोपाल ॥छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल।श्याम वरण मेरो मदन गोपाल॥छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥घास खाए गैया, दूध पीवे ग्वाल ।माखन खावे मेरो मदन गोपाल ॥छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥छोटी छोटी लकुटी, छोले छोटे हाथ ।बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल ॥छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥छोटी छोटी सखियाँ, मधुबन बाग ।रास राचावे मेरो मदन गोपाल ॥कान्हा दीवानी वनिता...!!
मेरो छोटो सो गोपाल
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल ।
बीच में मेरो मदन गोपाल ॥
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल।
श्याम वरण मेरो मदन गोपाल॥
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
घास खाए गैया, दूध पीवे ग्वाल ।
माखन खावे मेरो मदन गोपाल ॥
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
छोटी छोटी लकुटी, छोले छोटे हाथ ।
बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल ॥
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
छोटी छोटी सखियाँ, मधुबन बाग ।
रास राचावे मेरो मदन गोपाल ॥
कान्हा दीवानी वनिता...!!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें