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Siment is a binder , By Vnita Kasina Punjab ✌️ 🇮🇳A substance used in construction that sets, hardens, and binds other materials together.

  भाषा पीडीएफ डाउनलोड करें घड़ी संपादन क सीमेंट एक  बाइंडर  है , By Vnita Kasina Punjab ✌️ 🇮🇳    निर्माण में इस्तेमाल होने वाला एक  क पदार्थ जो  जमता है  , कठोर होता है और अन्य  सामग्रियों को आपस में जोड़ने के लिए उनसे चिपक जाता है। सीमेंट  का  इस्तेमाल अकेले शायद ही कभी किया जाता है, बल्कि इसका इस्तेमाल रेत और बजरी (  एग्रीगेट  ) को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। सीमेंट को महीन एग्रीगेट के साथ मिलाकर चिनाई के लिए  गारा  बनाया जाता है , या  रेत  और  बजरी के साथ मिलाकर  कंक्रीट  बनाया जाता है।  कंक्रीट दुनिया में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली सामग्री है और पानी के बाद दुनिया का सबसे ज़्यादा खपत वाला संसाधन है।  [  2  ] एक बैग में सीमेंट पाउडर, समुच्चय और पानी के साथ मिश्रण करने के लिए तैयार।  [  1  ] 1905 में टोलेडो, ओहियो की मल्टीप्लेक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा सीमेंट ब्लॉक निर्माण के उदाहरण निर्माण में प्रयुक्त सीमेंट आमतौर पर  अ...

नमो नमो मोर्चा की परदेश अध्यक्ष श्रीमती #वनिता कासनियां #पंजाब

नमो नमो मोर्चा की परदेश अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब

ई-शासनभारत में विधिक सेवाएँमहत्वपूर्ण अधिनियमबच्चों से जुड़ी अधिनियमकिशोर न्याय अधिनियम, 2015बाल कल्याण समितिअवस्था:खुलाबाल कल्याण समितिBy वनिता कासनियां पंजाबबाल कल्याण समितिसमिति के संबंध में प्रक्रियासमिति की शक्तियाँसमिति के कृत्य और उत्तरदायित्वबाल कल्याण समिति(1) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, प्रत्येक जिले के लिए इस अधिनियम के अधीन देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के संबंध में एक या अधिक बाल कल्याण समितियों का, ऐसी समितियों को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए गठन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि समिति के सभी सदस्यों के अधिष्ठापन, प्रशिक्षण और संवेदनशीलता की, अधिसूचना की तारीख से दो मास के भीतर व्यवस्था की जाए।(2) समिति, एक अध्यक्ष और चार ऐसे अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिन्हें राज्य सरकार नियुक्त करना ठीक समझे और उनमें से कम से कम एक महिला होगी और दूसरा बालकों से संबंधित विषयों का विशेषज्ञ होगा।(3) जिला बालक संरक्षण एकक एक सचिव और उतने अन्य कर्मचारिवृंद उपलब्ध कराएगा, जितने समिति को उसके प्रभावी कार्यकरण हेतु सचिवालयिक सहायता के लिए अपेक्षित हों।(4) किसी व्यक्ति को समिति के सदस्य के रूप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक ऐसा व्यक्ति कम से कम सात वर्ष तक बालकों से संबंधित स्वास्थ्य, शिक्षा या कल्याण संबंधी कार्यकलापों में सक्रिय रूप से अंतर्वलित न हो या बाल मनोविज्ञान या मनोरोग विज्ञान या विधि या सामाजिक कार्य या समाज विज्ञान अथवा मानव विकास में डिग्री के साथ व्यवसायरत व्यवसायी न हो।(5) किसी व्यक्ति को सदस्य के रूप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उसके पास ऐसी अहंताएं न हो, जो विहित की जाएं।(6) किसी व्यक्ति को सदस्य के रूप में तीन वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा।(7) राज्य सरकार द्वारा समिति के किसी सदस्य की नियुक्ति, जांच किए जाने के पश्चात् समाप्त कर दी जाएगी, यदि(i) वह इस अधिनियम के अधीन उसमें निहित शक्ति के दुरुपयोग का दोषी पाया गया हो;(ii) वह किसी ऐसे अपराध का सिद्धदोष ठहराया गया हो जिसमें नैतिक अधमता अंतर्वलित है और ऐसी दोषसिद्धि को उलटा नहीं गया है या ऐसे अपराध की बाबत उसे पूर्ण क्षमा प्रदान नहीं की गई है;(iii) वह, किसी विधिमान्य कारण के बिना लगातार तीन मास तक, समिति की कार्यवाहियों में उपस्थित रहने में असफल रहता है या किसी वर्ष में कम से कम तीन चौथाई बैठकों में उपस्थित रहने में असफल रहता है।(8) जिला मजिस्ट्रेट, समिति के कार्यकरण का तिमाही पुनर्विलोकन करे I(9) समिति न्यायपीठ के रूप में कार्य करेगी और उसे दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 द्वारा, यथास्थिति महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रदत्त शक्तियां प्राप्त होगी।(10) जिला मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति का शिकायत निवारण प्राधिकारी होगा और बालक से संबंधित कोई व्यक्ति, जिला मजिस्ट्रेट को अर्जी फाइल कर सकेगा जो उस पर विचार करेगा और समुचित आदेश पारित करेगा।समिति के संबंध में प्रक्रिया(1) समिति, एक मास में कम से कम बीस बैठकें करेगी और अपनी बैठकों में कारबार के संव्यवहार की बाबत ऐसे नियमों और प्रक्रियाओं का अनुपालन करेगी, जो विहित की जाएं।(2) समिति द्वारा, किसी विद्यमान बाल देखरेख संस्था का, उसके कार्यकरण की जांच पड़ताल करने और बालकों की भलाई के लिए किया गया दौरा समिति की बैठक के रूप में माना जाएगा।(3) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक को बाल गृह में या उपयुक्त व्यक्ति के पास रखे जाने के लिए, तब जब समिति सत्र में न हो, समिति के व्यष्टिक सदस्य के सामने पेश किया जा सकेगा।(4) किसी विनिश्चय के समय समिति के सदस्यों के बीच मतभेद की दशा में, बहुमत की राय अभिभावी होगी, किंतु जहां ऐसा बहुमत नहीं है वहां अध्यक्ष की राय अभिभावी होगी।(5) उपधारा (1) के उपबंधों के अधीन रहते हुए समिति, समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित रहते हुए भी कार्रवाई कर सकेगी और समिति द्वारा किया गया कोई आदेश, कार्यवाही के किसी प्रक्रम के दौरान केवल किसी सदस्य की अनुपस्थिति के आधार पर अविधिमान्य नहीं होगा; परंतु मामले के अंतिम निपटान के समय कम से कम तीन सदस्य उपस्थित होंगे।समिति की शक्तियाँ(1) समिति का, देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख, संरक्षण, उपचार, विकास और पुनर्वास के मामलों का निपटारा करने और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं तथा संरक्षण के लिए उपबंध करने का प्राधिकार होगा।(2) जहां किसी क्षेत्र के लिए समिति का गठन किया गया है, वहां तत्समय प्रवृत्त किसी अन्यविधि में किसी बात के होते हुए भी, किंतु इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबंधित है, उसके सिवाय, ऐसी समिति को, देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों से संबंधित इस अधिनियम के अधीन सभी कार्यवाहियों के संबंध में अनन्यत; कार्य करने की शक्ति होगी।समिति के कृत्य और उत्तरदायित्वसमिति के कृत्यों और उत्तरदायित्वों में निम्नलिखित सम्मिलित होंगे;-(i) उसके समक्ष पेश किए गए बालकों का संज्ञान लेना और उन्हें ग्रहण करना;(ii) इस अधिनियम के अधीन बालकों की सुरक्षा और भलाई से संबंधित और उसको प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों की जांच करना;(iii) बालक कल्याण अधिकारियों या परिवीक्षा अधिकारियों या जिला बालक संरक्षण एकक या गैर-सरकारी संगठनों को सामाजिक अन्वेषण करने और समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निदेश देना;(iv) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख करने हेतु 'योग्य व्यक्ति' की घोषणा करने के लिए जांच करना;(v) पोषण देखरेख के लिए किसी बालक के स्थानन का निदेश देना;(vi) बाल व्यष्टिक देखरेख योजना पर आधारित देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख, संरक्षण, समुचित पुनर्वास या प्रत्यावर्तन को सुनिश्चित करना और इस संबंध में माता-पिता या संरक्षक या योग्य व्यक्ति या बाल गृहों या उपयुक्त सुविधा तंत्र के लिए आवश्यक निदेश पारित करना;(vii) संस्थागत सहायता की अपेक्षा वाले प्रत्येक बालक के स्थानन के लिए, बालक की आयु, लिंग, निर्योग्यता और आवश्यकताओं पर आधारित तथा संस्था की उपलब्ध क्षमता को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रीकृत संस्था का चयन करना;(viii) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के आवासिक सुविधाओं का प्रत्येक मास में कम से कम दो बार निरीक्षण दौरा करना और जिला बालक संरक्षण एकक और राज्य सरकार को सेवाओं की क्वालिटी में सुधार करने के लिए कार्रवाई करने की सिफारिश करना;(ix) माता-पिता द्वारा अभ्यर्पण विलेख के निष्पादन को प्रमाणित करना और यह सुनिश्चित करना कि उन्हें विनिश्चय पर पुन;विचार करने और कुटुंब को एक साथ रखने हेतु सभी प्रयास करने का समय दिया गया है;(x) यह सुनिश्चित करना कि ऐसी सम्यक प्रक्रिया का, जो विहित की जाए, अनुसरण करते हुए परित्यक्त या खोए हुए बालकों का, उनके कुटुंबों को प्रत्यावर्तन करने के लिए सभी प्रयास किए गए है;(xi) अनाथ, परित्यक्त और अभ्यपिंत बालक की सम्यक जांच के पश्चात् दत्तकग्रहण के लिए वैध रूप से मुक्त होने की घोषणा;(xii) मामलों का स्वप्रेरणा से संज्ञान लेना और ऐसे देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों तक पहुंचना, जिन्हें समिति के समक्ष पेश नहीं किया गया है, परंतु ऐसा तब जब ऐसा विनिश्चय कम से कम तीन सदस्यों द्वारा लिया गया हो;(xiii) लैंगिक रूप से दुर्व्यवहार से ग्रस्त ऐसे बालकों के पुनर्वास के लिए कार्रवाई करना जो लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अधीन, यथास्थिति, विशेष किशोर पुलिस एकक या स्थानीय पुलिस द्वारा समिति को देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के रूप में ज्ञापित है;(xiv) धारा 17 की उपधारा (2) के अधीन बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट मामलों में कार्रवाई करना;(xv) जिला बालक संरक्षण एकक या राज्य सरकार के समर्थन से बालकों की देखरेख और संरक्षण में अंतर्वलित पुलिस, श्रम विभाग और अभिकरणों के साथ समन्वय करना;(xvi) समिति, किसी बालक देखरेख संस्था में किसी बालक से दुर्व्यवहार की शिकायत के मामले में जांच करेगी और यथास्थिति, पुलिस या जिला बालक संरक्षण एकक या श्रम विभाग निदेश देगी;(xvii) बालकों के लिए समुचित विधिक सेवाओं तक पहुंच बनाना;(xviii) ऐसी अन्य कृत्य और दायित्व, जो विहित किए जाएं।बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब स्रोत; विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार

ई-शासन भारत में विधिक सेवाएँ महत्वपूर्ण अधिनियम बच्चों से जुड़ी अधिनियम किशोर न्याय अधिनियम, 2015 बाल कल्याण समिति अवस्था: खुला बाल कल्याण समिति By  वनिता कासनियां पंजाब बाल कल्याण समिति समिति के संबंध में प्रक्रिया समिति की शक्तियाँ समिति के कृत्य और उत्तरदायित्व बाल कल्याण समिति (1) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, प्रत्येक जिले के लिए इस अधिनियम के अधीन देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के संबंध में एक या अधिक बाल कल्याण समितियों का, ऐसी समितियों को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए गठन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि समिति के सभी सदस्यों के अधिष्ठापन, प्रशिक्षण और संवेदनशीलता की, अधिसूचना की तारीख से दो मास के भीतर व्यवस्था की जाए। (2) समिति, एक अध्यक्ष और चार ऐसे अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिन्हें राज्य सरकार नियुक्त करना ठीक समझे और उनमें से कम से कम एक महिला होगी और दूसरा बालकों से संबंधित विषयों का विशेषज्ञ होगा। (3) जिला बालक संरक्षण एकक एक सचिव और उतने अन्य कर्मचारिवृंद उपलब्ध कराएगा, जितने समिति को उसके प्रभावी कार्यकरण हे...